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बेरोजगारों को दिव्यांग बनाकर भीख मंगवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, मां-बेटा गिरफ्तार - a beggar gang

कानपुर में पुलिस ने बेरोजगारों को दिव्यांग बनाकर भीख मंगवाने वाले एक गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, अन्य सदस्यों को तलाश जारी है.

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Published : Nov 9, 2022, 6:05 PM IST

कानपुरः नौकरी के बहाने अगवा कर फिर शारीरिक रूप से दिव्यांग करके बड़े-बड़े शहरों में भीख मंगवाने वाले गिरोह का कानपुर पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह में महिला सदस्य समेत एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. साथ ही नौबस्ता पुलिस ग्रुप के अन्य सदस्य एक महिला और एक अन्य की तलाश में छापेमारी कर रही है.

बता दें कि नौबस्ता के मछरिया निवासी सुरेश मांझी का हाथ पैर तोड़कर दिल्ली में भीख मंगवाने का मामला 'ईटीवी भारत' सामने लाया था. इसके बाद पीड़ित के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था. गिरोह में शामिल अभियुक्तों की तलाश के लिए कई टीमें बनाई गई थी.

परिजनों ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि सुरेश मांझी को छह महीने पहले मछरिया से विजय काम दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया रहा. इसके बाद वहीं पर बंधक बनाकर अपने व रिश्तेदार के घर में छिपाकर रखा. विजय ने उसकी आंखों में केमिकल डाल दिया, जिससे उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी. इसके बाद नई दिल्ली के नागलोई में भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना राज के हाथों 70 हजार रुपये में बेच दिया.

डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि गिरोह के सदस्य काम की तलाश में भटक रहे लोगों को काम दिलाने के बहाने दिव्यांग करके बड़े-बड़े शहरों मैं बेचने का काम करते हैं. इसके बाद बस स्टेशन व अन्य भीड़-भाड़ वाले बाजारों में भीख मंगवाते हैं. इनसे प्रति व्यक्ति करीब एक से डेढ़ हजार रुपये की आमदनी होती है. गिरोह के सरगना राज और उसकी मां को नौबस्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 2 सदस्यों की तलाश के लिए पुलिस दबिश दे रही है.

पढ़ेंः शर्मनाक! नौकरी का झांसा देकर फोड़ीं आंखें, तोड़े हाथ-पैर, 70 हजार में भिखारी गैंग को बेचा

कानपुरः नौकरी के बहाने अगवा कर फिर शारीरिक रूप से दिव्यांग करके बड़े-बड़े शहरों में भीख मंगवाने वाले गिरोह का कानपुर पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह में महिला सदस्य समेत एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. साथ ही नौबस्ता पुलिस ग्रुप के अन्य सदस्य एक महिला और एक अन्य की तलाश में छापेमारी कर रही है.

बता दें कि नौबस्ता के मछरिया निवासी सुरेश मांझी का हाथ पैर तोड़कर दिल्ली में भीख मंगवाने का मामला 'ईटीवी भारत' सामने लाया था. इसके बाद पीड़ित के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था. गिरोह में शामिल अभियुक्तों की तलाश के लिए कई टीमें बनाई गई थी.

परिजनों ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि सुरेश मांझी को छह महीने पहले मछरिया से विजय काम दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया रहा. इसके बाद वहीं पर बंधक बनाकर अपने व रिश्तेदार के घर में छिपाकर रखा. विजय ने उसकी आंखों में केमिकल डाल दिया, जिससे उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी. इसके बाद नई दिल्ली के नागलोई में भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना राज के हाथों 70 हजार रुपये में बेच दिया.

डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि गिरोह के सदस्य काम की तलाश में भटक रहे लोगों को काम दिलाने के बहाने दिव्यांग करके बड़े-बड़े शहरों मैं बेचने का काम करते हैं. इसके बाद बस स्टेशन व अन्य भीड़-भाड़ वाले बाजारों में भीख मंगवाते हैं. इनसे प्रति व्यक्ति करीब एक से डेढ़ हजार रुपये की आमदनी होती है. गिरोह के सरगना राज और उसकी मां को नौबस्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 2 सदस्यों की तलाश के लिए पुलिस दबिश दे रही है.

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