कानपुर: जिस तरह पूरे देश में इंदौर और सूरत जैसे शहरों की गिनती स्मार्ट शहर के तौर पर होती है, ठीक वैसे ही अब कानपुर भी स्मार्ट बनेगा. शहर को स्मार्ट सिटी की श्रेणी में सालों पहले ही रखा जा चुका है. हालांकि, अब इसे इंदौर और सूरत की तर्ज पर स्मार्ट बनाया जाएगा. इसके लिए दिसंबर में शहर के प्रशासनिक अफसर उक्त दोनों शहरों का दौरा करेंगे और वहां पर स्टडी विजिट भी करेंगे.
बुधवार को कानपुर स्मार्ट सिटी (Kanpur Smart City) की बैठक में यह फैसला कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने डीएम विशाख जी अय्यर और नगर आयुक्त शिव शरणप्पा की मौजूदगी में हुई. यही नहीं, नगर निगम में जन सुविधा केंद्र का काम 31 मार्च तक पूरा होगा. शहर में जाम की समस्या खत्म हो सके और यातायात का संचालन सुचारू रूप से हो सके, इसके लिए हर हफ्ते स्मार्ट सिटी के सीईओ बैठक (smart city ceo meeting) करेंगे. शहर में कलेक्ट्रेट के पास कचेहरी, पुलिस आयुक्त कार्यालय होने के चलते घंटों जाम लगा रहता है. इस जाम से निजात दिलाने के लिए अब आगामी 18 माह के अंदर मल्टी लेवल पार्किंग तैयार कराई जाएगी.
कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने कहा, कि लगातार शहर की दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. बैठक में डीसीपी ट्रैफिक तेज स्वरूप सिंह, केडीए सचिव शत्रोहन वैश्य, सुधीर कश्यप, वैशाली बियानी, नीरज श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे. स्मार्ट सिटी की बैठक में मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने बताया विशेषज्ञ शहरी विकास सलाहकार के मध्यम से 31 मार्च 2023 तक विजन कानपुर@ 2047 के “ड्राफ्ट प्लान” तैयार (draft plan ready) कर लिया जाएगा. इस पूरी कवायद में स्मार्ट सिटी और केडीए के अफसर लगातार काम करेंगे. काम में किसी तरह की लापरवाही न हो, इसका संज्ञान डीएम और कमिश्नर लेंगे.
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