कानपुर: पिछले कुछ माह में एक ओर फिलीपिंस, आस्ट्रेलिया, बहरीन समेत कई अन्य देशों ने जहां शहर के कानपुर को कारोबार विस्तार के लिए आमंत्रित कर राहत पहुंचाई. वहीं,दूसरी ओर तुर्की में आए भूकंप ने कानपुर के निर्यातकों की नींद उड़ा दी है. उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप जैसी त्रासदी किसी को पता नहीं होती.
ऐसी स्थिति में जिन निर्यातकों ने अपना माल भेज रखा था. लाजिमी है कि उनकी रकम अब कई माह के लिए फंस सकती है. दरअसल, तुर्की से शहर के निर्यातकों का सालाना कारोबार करीब 300 से 400 करोड़ रुपये का है. इसलिए एक अनुमान के मुताबिक इस भूकंप के चलते निर्यातकों के 100 करोड़ रुपये से लेकर 200 करोड़ रुपये की राशि फंसने की बात सामने आई है.
कई अफ्रीकी देशों का कारोबार होगा प्रभावित: इस पूरे मामले पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि तुर्की में प्रोडक्शन न के बराबर है. वहां, अधिकतर वस्तुओं व उत्पादों का आयात होता है. इसके साथ-साथ तमाम अफ्रीकी देशों- युगांडा, तंजानिया, घाना, नाइजीरिया, आदि के लिए वह कारोबार के नजरिए से गेटवे का काम करता है. इसलिए स्वाभाविक है कि तुर्की के भूकंप का असर दक्षिण अफ्रीकी देशों में भी दिखेगा. जिससे आने वाले दिनों में भारत के साथ भी कारोबार काफी हद तक कम हो सकता है.
चेयरमैन सीएलई के पूर्व चैयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहा कि तुर्की में शहर से अच्छी मात्रा में चमड़ा व चमड़े के उत्पाद भेजे जाते हैं. निर्यातकों का सालाना अच्छा कारोबार होता है. भूकंप की जानकारी मिलने के बाद यही दुआ करेंगे, कि निर्यातकों का नुकसान कम से कम हो.
कानपुर से तुर्की को सालाना निर्यात : 300 से 400 करोड़ रुपये
वर्ष 2021-22 में उप्र का तुर्की के साथ कारोबार: करीब 1000 करोड़ रुपये
वर्ष 2021-22 में भारत का तुर्की के साथ कारोबार: 7.26 यूएस बिलियन डॉलर
वर्ष 2021-22 में भारत की दक्षिण अफ्रीका के साथ सालाना कारोबार: 89.5 बिलियन डॉलर
तुर्की को कानपुर से भेजे जाने वाले उत्पाद: चमड़ा, टेक्सटाइल के उत्पाद, रेडीमेड गारमेंट्स, इंजीनियरिंग संबंधी उत्पाद, सब्जियां, गेहूं, फीड सप्लीमेंट आदि.