कानपुर: बिल्हौर के चकबंदी कार्यालय की हालत खस्ता है. कार्यालय की इमारत जरजर हो चुकी है. छत से हमेशा पानी टपकता रहता है.कर्मचारियों को प्लास्टर टूट जाने का खतरा लगा रहता है.अक्सर जमीनों का बंदोबस्त करने वाले कर्मचारी खुद एक अच्छे भवन के लिए तरस रहे हैं.
बिल्हौर चकबंदी कार्यालय की यह छत पहले भी गिर चुकी है.एसडीएम और तहसीलदार छत गिरने से इनकार कर चुके है. लेकिन, ग़रीब चकबंदी कर्मचारी जान का खतरा पाले बैठें हैं. चकबंदी कार्यालय के कर्मचारियों ने आला अधिकारियों की चौखट पर एक भवन आवंटित करने की अर्जी लगाई थी. इसको लेकर तहसीलदार और एसडीएम बिल्हौर ने विजिट भी किया था. लेकिन, इसके बाद यह मसौदा ठंडे बस्ते में चला गया.
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कर्मचारियों को बेहद खास माने जाने वाले कागज़ात के खराब होने का खतरा हमेशा लगा रहता हैं. दुर्दशा को चकबंदी कर्मचारी अपना मुकद्दर मानकर चुपचाप अपना काम कर रहे हैं. अब देखना यह होगा कि, इनके इंतज़ार को हकीकत में कब और कौन बदलेगा. तहसीलदार और एसडीएम की लापरवाही के चलते चकबंदी कार्यालय के कर्मचारी रोज अपनी जान जोखिम में डालकर नौकरी कर रहे है.
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