कानपुर: कुछ दिनों पहले सूबे के जिन एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को अवैध असलहा से जुड़े मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई थी. उसी से इतर शहर के ग्वालटोली थाना में दर्ज 32 साल पुराने मामले में एसीएमएम कोर्ट ने उन्हें शुक्रवार को बाइज्जत बरी कर दिया. एमएसएमई मंत्री ने इसे न्याय की जीत बताया.
उन्होंने कहा कि सात सितंबर 1990 को ग्वालटोली थाना में सरकारी भवन पर कब्जा करने, इंजीनियर से मारपीट को लेकर धारा 147, 148, 323, 504 समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. हालांकि, वह एफआईआर सही साबित नहीं हुई और कोर्ट ने अपना निर्णय दे दिया. बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कपिलदीप सचान ने एमएसएमई मंत्री का पक्ष रखा था. साथ ही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा, कि मारपीट के मामले में एमएसएमई मंत्री के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज हुआ था, उसमें साक्ष्य पूरी तरह से निराधार साबित हुए.
उल्लेखनीय है कि एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ 32 साल पुराना है. तब सचान छात्र नेता हुआ करते थे. वर्ष 1990 में केडीए के अधिकारी जीडी दास ने ग्वालटोली थाने में राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप था कि राकेश सचान साथियों के साथ हिंदी भवन पहुंचे थे और वहां का सामान फेंक दिया. तब उन्होंने सरकारी दफ्तर को अपना कार्यालय बताकर सरकारी कर्मचारी से अभद्रता की थी.
अब 13 अक्टूबर को होगी अवैध असलहा मामले की सुनवाई: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ जो अवैध असलहा रखने का मामला कोर्ट में चल रहा है, अब उसमें अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होनी है. दरअसल, विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट में चल रही सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई में मंत्री की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र कई दिनों पहले दिया गया था. शहर में न होने और सरकारी कार्यों में व्यस्त होने का आधार देकर उपस्थिति से छूट मांगी गई थी. जिस पर न्यायालय ने 13 अक्टूबर की तिथि सुनवाई के लिए तय कर दी है.
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