कानपुरः पूरे देश में कानपुर नगर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की फेहरिस्त में शीर्ष पर बना हुआ है. महानगर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. दिन में भी धूल और प्रदूषण की धुंध छाई रहती है. शहर की हवा जहरीली होती जा रही है. शनिवार को सुबह से शाम तक पीएम 2.5 का स्तर अधिकतम 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा. वहीं एक्यूआई 455 के भी पार पहुंच गया है.
सांस लेना हुआ मुश्किल
कानपुर की आबोहवा प्रदूषण के चलते अब जहरीली होने लगी है, क्योंकि हानिकारक गैस जैसे- सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा भी लगातार बढ़ रही है. इसके चलते कानपुर शहर प्रदूषण के मामले में टॉप पायदान पर पहुंच गया है. शहर की हवा में धूल कणों के साथ जहरीली गैस की मात्रा भी तेजी से बढ़ रही है.
महानगर में वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह वाहनों से निकलने वाला धुआं और सड़क किनारे उड़ती धूल है. मेट्रो के निर्माण को लेकर आईआईटी से मोतीझील तक निर्माण कार्य पूरी तेजी से चल रहा है, जिसकी वजह से शहरों के मुख्य संपर्क मार्गों पर थोड़ी-थोड़ी देर में जाम लग जाता है. इसके चलते एक ही समय में सैकड़ों वाहन के इंजन से प्रदूषण फैलाने वाला धुआं निकलता है. यही स्थिति महानगर के परेड, टाटमिल चौराहा, चावला मार्केट चौराहा, नौबस्ता, बर्रा हाईवे, रावतपुर क्षेत्रों का आलम है.
मॉर्निंग वॉकर की वॉक बंद
मॉर्निंग वॉकर ने सुबह टहलना बंद कर दिया है, क्योंकि सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर चरम पर रहता है. जिस वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. वहीं जानकारों की मानें तो इस वक्त सुबह वॉक करना सेहत के लिए हानिकारक है. इसकी वजह से अब पार्कों में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर आने वाले लोगों की संख्या भी कम हो गई है.