ETV Bharat / state

कानपुर: अगले 2 साल तक पूरे देश में नहीं खुल पाएंगे इंजीनियरिंग कॉलेज

कानपुर में एआईसीटीई के रीजनल ऑफिसर डॉ. मनोज तिवारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अगले दो सालों तक देश में नया इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खोला जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने एमबीए और पीजीडीएम के कोर्स को भी लेकर कहा है कि अब यह दोनों कोर्स एक ही संस्थान में संचालित नहीं होंगे.

author img

By

Published : Feb 15, 2020, 9:30 PM IST

etv bharat
एआईसीटीई

कानपुर: देश में अगले दो साल तक एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुलेगा. अगले 2 साल तक पुराने कॉलेजों को जरूरत पड़ने पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की नई ब्रांच की मानता मिलेगी. आपको बता दें कि कॉलेजों को अप्रूवल देने वाले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने सत्र 2020-21 और 2021-22 के लिए नया अप्रूवल आदेश जारी कर दिया है.

इंजीनियरिंग की शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए परिषद ने यह बड़ा बदलाव किया है. इसके साथ ही अब एक ही संस्थान में एमबीए और पीजीडीएम के कोर्स भी नहीं चलेंगे. एआईसीटीई ने इसमें रोक लगा दी है.

एआईसीटीई के रीजनल ऑफिसर डॉ. मनोज तिवारी से बातचीत.

छात्रों की संख्या में आ रही गिरावट
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद देश के हर प्रदेश में नए इंजीनियरिंग कॉलेज की अनुमति प्रदान करता है. पिछले कुछ वर्षों से लगातार कॉलेज खुल रहे हैं और छात्रों की संख्या में गिरावट आ रही है. कॉलेजों में 50% से अधिक सीटें खाली रह जा रही हैं, जिससे इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है.

एआईसीटीई ने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए अप्रूवल का नया नियम जारी किया है. नए कॉलेजों के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इंजीनियरिंग के एक भी कॉलेज को अनुमति नहीं मिलेगी. वर्तमान में प्रदेश में बीटेक का कोर्स कराने वाले 243 इंजिनीरिंग कॉलेज हैं.

एक साथ संस्थान नहीं चलाएंगे दो कोर्स
वहीं एआईसीटीई ने एक और बड़ा बदलाव किया है. इसमें मैनेजमेंट की पढ़ाई कराने वाले संस्थान अब एमबीए और पीजीडीएम एक साथ नहीं कराएंगे. उन्हें इसके लिए अलग-अलग बिल्डिंग बनानी पड़ेगी और अलग-अलग नाम से संस्थान चलाने पड़ेंगे.

अभी तक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट एक ही परिसर में एमबीए और पीजीडीएम का कोर्स संचालित करते हैं. एमबीए का कोर्स मान्यता प्राप्त होता है, जबकि पीजीडीएम के कोर्स के लिए मान्यता की बाध्यता नहीं है. केवल कक्षाएं संचालित करने के लिए एआईसीटीई की सहमति होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- 5 IPS अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट तैयार, मिल सकती है क्लीन चिट

पीजीडीएम के लिए अलग संस्थान बनाना होगा
कई बार शिकायत की गई कि एमबीए को तो मान्यता मिलती है, लेकिन पीजीडीएम को मानता नहीं मिलती है. इसका ब्यौरा भी संस्थान के अलावा किसी के पास नहीं होता है. अगर कॉलेज बंद हो जाए या फिर डाटा चोरी हो जाए तो छात्र शैक्षिक मान्यता की पुष्टि कैसे प्राप्त करा पाएंगे. इसके अलावा पीजीडीएम कोर्स और एमबीए को पढ़ाने वाले शिक्षक एक ही होते हैं. परिसर भी एक ही होता है, इसीलिए अब पीजीडीएम के लिए मैनेजमेंट कॉलेजों को अलग संस्थान बनाना पड़ेगा.

कानपुर: देश में अगले दो साल तक एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुलेगा. अगले 2 साल तक पुराने कॉलेजों को जरूरत पड़ने पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की नई ब्रांच की मानता मिलेगी. आपको बता दें कि कॉलेजों को अप्रूवल देने वाले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने सत्र 2020-21 और 2021-22 के लिए नया अप्रूवल आदेश जारी कर दिया है.

इंजीनियरिंग की शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए परिषद ने यह बड़ा बदलाव किया है. इसके साथ ही अब एक ही संस्थान में एमबीए और पीजीडीएम के कोर्स भी नहीं चलेंगे. एआईसीटीई ने इसमें रोक लगा दी है.

एआईसीटीई के रीजनल ऑफिसर डॉ. मनोज तिवारी से बातचीत.

छात्रों की संख्या में आ रही गिरावट
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद देश के हर प्रदेश में नए इंजीनियरिंग कॉलेज की अनुमति प्रदान करता है. पिछले कुछ वर्षों से लगातार कॉलेज खुल रहे हैं और छात्रों की संख्या में गिरावट आ रही है. कॉलेजों में 50% से अधिक सीटें खाली रह जा रही हैं, जिससे इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है.

एआईसीटीई ने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए अप्रूवल का नया नियम जारी किया है. नए कॉलेजों के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इंजीनियरिंग के एक भी कॉलेज को अनुमति नहीं मिलेगी. वर्तमान में प्रदेश में बीटेक का कोर्स कराने वाले 243 इंजिनीरिंग कॉलेज हैं.

एक साथ संस्थान नहीं चलाएंगे दो कोर्स
वहीं एआईसीटीई ने एक और बड़ा बदलाव किया है. इसमें मैनेजमेंट की पढ़ाई कराने वाले संस्थान अब एमबीए और पीजीडीएम एक साथ नहीं कराएंगे. उन्हें इसके लिए अलग-अलग बिल्डिंग बनानी पड़ेगी और अलग-अलग नाम से संस्थान चलाने पड़ेंगे.

अभी तक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट एक ही परिसर में एमबीए और पीजीडीएम का कोर्स संचालित करते हैं. एमबीए का कोर्स मान्यता प्राप्त होता है, जबकि पीजीडीएम के कोर्स के लिए मान्यता की बाध्यता नहीं है. केवल कक्षाएं संचालित करने के लिए एआईसीटीई की सहमति होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- 5 IPS अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट तैयार, मिल सकती है क्लीन चिट

पीजीडीएम के लिए अलग संस्थान बनाना होगा
कई बार शिकायत की गई कि एमबीए को तो मान्यता मिलती है, लेकिन पीजीडीएम को मानता नहीं मिलती है. इसका ब्यौरा भी संस्थान के अलावा किसी के पास नहीं होता है. अगर कॉलेज बंद हो जाए या फिर डाटा चोरी हो जाए तो छात्र शैक्षिक मान्यता की पुष्टि कैसे प्राप्त करा पाएंगे. इसके अलावा पीजीडीएम कोर्स और एमबीए को पढ़ाने वाले शिक्षक एक ही होते हैं. परिसर भी एक ही होता है, इसीलिए अब पीजीडीएम के लिए मैनेजमेंट कॉलेजों को अलग संस्थान बनाना पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.