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कानपुर में डेंगू ने पसारे पांव, जिला अस्पताल में मरीजों की भरमार

उत्तर प्रदेश के कानपुर में डेंगू के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं डॉ. लोगों को डेंगू से कैसे बचें उसका उपाय भी बता रहे हैं.

डेंगू के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी.
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Published : Oct 30, 2019, 6:31 AM IST

कानपुर: वातावरण में एडीज मच्छरों और वायरस की सक्रियता से डेंगू और वायरल बुखार जानलेवा साबित हो रहा है. क्योंकि डेंगू और वायरल बुखार की वजह से अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं.

डेंगू के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी.

कानपुर मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय में डेंगू से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. यहां पर आने वाले मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है और डाक्टरों की एक टीम दिन-रात उनका इलाज करने में लगी हुई है.

डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी
कानपुर महानगर में पसरी गंदगी से एडीज मच्छरों की वजह से डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. वातावरण में सक्रीय जटिल वायरस की वजह से वायरल बुखार ने लोगों को जकड़ रखा है. कानपुर के मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय में इस समय दूर दराज के अलावा कानपुर से भी लोग पहुंच रहे हैं. मरीजों की जांच में कई लोगों में डेंगू की पुस्टि हुई है और यंहा के डॉक्टर दिन-रात उनके इलाज में लगे हुए हैं.

डॉ. ऋचा गिरी ने बताया डेंगू से बचने की उपाय
मेडिसीन विभाग की डॉ. ऋचा गिरी का कहना है कि डेंगू की पुष्टि बहुत ज्यादा मरीजों में नहीं आ रही है. कुछ ऐसे मरीज भर्ती हुए हैं, जिनको वायरल था. वहीं उनकी जांच करने के बाद उनमे डेंगू की पुस्टि हुई है. ऐसे मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है.

डॉ. ऋचा का कहना है कि रोजाना 40 से 50 वायरल फीवर के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जिसमे से छह लोगों में डेंगू की पुस्टि हो रही है. उन्होंने बताया की जब तेज बुखार आना, सरदर्द बना रहना और शरीर में चक्कते पड़ जाते हैं तो यह सब डेंगू के लक्षण होते हैं.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: राजधानी में पाए गए डेंगू के 24 नए मरीज, 36 लोगों को नोटिस

मेडिकल कॉलेज में वायरल फीवर की गिरफ्त में आए मरीजों को डॉक्टर सलाह भी दे रहे हैं कि किस तरह से इसका बचाव किया जाए. डेंगू वायरस को लेकर मेडिसीन विभाग के प्रोफेसर डॉ. कुशवाहा ने बताया की डेंगू फीवर इतना प्रॉब्लम नहीं करता है. इसमें मौत भी ज्यादा नहीं होती है. वहीं जिन मरीजों को डायबीटिक या लीवर की समस्या है, उन पर यह वायरस ज्यादा अटैक करता है.

साफ पानी में देता डेंगू का मच्छर अपनी लार्वा
उन्होंने बताया की इसके रोकथाम के लिए मच्छरों से बचना चाहिए. डेंगू एक बड़ा मच्छर होता है, जिसे टाइगर मच्छर कहा जाता है. यह मच्छर रात के बजाय दिन में काटता है. इससे बचने के लिए घरों के आसपास साफ पानी नहीं रहना चाहिए, क्योकि डेंगू मच्छर अपना लार्वा साफ पानी में देता है. डेंगू का लार्वा दस से पंद्रह दिनों के भीतर तैयार हो जाता है. डॉक्टरों ने सलाह दी कि डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास सफाई रखें. घरों में साफ पानी का स्टोरेज बिलकुल मत करें, जिससे डेंगू से बचाव किया जा सके.

कानपुर: वातावरण में एडीज मच्छरों और वायरस की सक्रियता से डेंगू और वायरल बुखार जानलेवा साबित हो रहा है. क्योंकि डेंगू और वायरल बुखार की वजह से अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं.

डेंगू के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी.

कानपुर मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय में डेंगू से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. यहां पर आने वाले मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है और डाक्टरों की एक टीम दिन-रात उनका इलाज करने में लगी हुई है.

डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी
कानपुर महानगर में पसरी गंदगी से एडीज मच्छरों की वजह से डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. वातावरण में सक्रीय जटिल वायरस की वजह से वायरल बुखार ने लोगों को जकड़ रखा है. कानपुर के मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय में इस समय दूर दराज के अलावा कानपुर से भी लोग पहुंच रहे हैं. मरीजों की जांच में कई लोगों में डेंगू की पुस्टि हुई है और यंहा के डॉक्टर दिन-रात उनके इलाज में लगे हुए हैं.

डॉ. ऋचा गिरी ने बताया डेंगू से बचने की उपाय
मेडिसीन विभाग की डॉ. ऋचा गिरी का कहना है कि डेंगू की पुष्टि बहुत ज्यादा मरीजों में नहीं आ रही है. कुछ ऐसे मरीज भर्ती हुए हैं, जिनको वायरल था. वहीं उनकी जांच करने के बाद उनमे डेंगू की पुस्टि हुई है. ऐसे मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है.

डॉ. ऋचा का कहना है कि रोजाना 40 से 50 वायरल फीवर के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जिसमे से छह लोगों में डेंगू की पुस्टि हो रही है. उन्होंने बताया की जब तेज बुखार आना, सरदर्द बना रहना और शरीर में चक्कते पड़ जाते हैं तो यह सब डेंगू के लक्षण होते हैं.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: राजधानी में पाए गए डेंगू के 24 नए मरीज, 36 लोगों को नोटिस

मेडिकल कॉलेज में वायरल फीवर की गिरफ्त में आए मरीजों को डॉक्टर सलाह भी दे रहे हैं कि किस तरह से इसका बचाव किया जाए. डेंगू वायरस को लेकर मेडिसीन विभाग के प्रोफेसर डॉ. कुशवाहा ने बताया की डेंगू फीवर इतना प्रॉब्लम नहीं करता है. इसमें मौत भी ज्यादा नहीं होती है. वहीं जिन मरीजों को डायबीटिक या लीवर की समस्या है, उन पर यह वायरस ज्यादा अटैक करता है.

साफ पानी में देता डेंगू का मच्छर अपनी लार्वा
उन्होंने बताया की इसके रोकथाम के लिए मच्छरों से बचना चाहिए. डेंगू एक बड़ा मच्छर होता है, जिसे टाइगर मच्छर कहा जाता है. यह मच्छर रात के बजाय दिन में काटता है. इससे बचने के लिए घरों के आसपास साफ पानी नहीं रहना चाहिए, क्योकि डेंगू मच्छर अपना लार्वा साफ पानी में देता है. डेंगू का लार्वा दस से पंद्रह दिनों के भीतर तैयार हो जाता है. डॉक्टरों ने सलाह दी कि डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास सफाई रखें. घरों में साफ पानी का स्टोरेज बिलकुल मत करें, जिससे डेंगू से बचाव किया जा सके.

Intro:कानपुर :- कानपुर में डेंगू ने पसारे पांव जिला अस्पताल में मरीजों की भरमार।

वातावरण में एडीज मच्छरों एव वायरस की सक्रियता से डेंगू व वायरल बुखार जानलेवा साबित हो रहा है | डेंगू व वायरल बुखार की वजह से चार मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग डेंगू की चपेट में आ चुके है | कानपुर मेडिकल कालेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय चिकित्शालय में डेंगू से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर की गई है | यंहा पर आने वाले मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है और डाक्टरों की एक टीम दिन-रात उनका इलाज करने में लगी हुई है | 




Body:
कानपुर महानगर में पसरी गंदगी की वजह से एडीज मच्छरों की वजह से डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा | वातावरण में सक्रीय जटिल वायरस की वजह से वायरल बुखार ने लोगो को जकड रक्खा है | कानपुर के मेडिकल कालेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय चिकित्शालय में इस समय दूर दराज के अलावा कानपुर से भी लोग पहुँच रहे है |  ऐसे मरीजों की जांच में कई लोगो में डेंगू की पुस्टि हुई है और यंहा के डाक्टर दिन-रात उनके इलाज में लगे हुए है |   मेडिसीन विभाग की डॉ ऋचा गिरी का कहना है कि डेंगू की पुस्टि बहुत ज्यादा मरीजों में नहीं आ रही है |  कुछ ऐसे मरीज भर्ती हुए है जिनको वायरल था उनकी जांच करने के बाद उनमे डेंगू की पुस्टि हुई है | ऐसे मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है | डॉ ऋचा का कहना है कि रोजाना चालीस से पचास वायरल फीवर के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है,जिसमे से छै लोगो में डेंगू की पुस्टि हुयी है | उन्होंने बताया की जब तेज बुखार आना,सरदर्द बना रहना वा शरीर में चक्कते पड़ जाना यह सब डेंगू के लक्षण होते है | 



Conclusion:
मेडिकल कालेज में वायरल फीवर की गिरफ्त में आये मरीजों को डाक्टर सलाह भी दे रहे है कि किस तरह से इसका बचाव किया जाए |  डेंगू वायरस को लेकर मेडिसीन विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ कुशवाहा ने बताया की डेंगू  फीवर इतना प्रॉब्लम नहीं करता है इसमें मौत भी ज्यादा नहीं होती है | जिन मरीजों को डायबीटिक या लीवर की समस्या है उनपर यह वायरस ज्यादा अटैक करता है | उन्होंने बताया की इसके रोकथाम के लिए मच्छरों से बचना चाहिए | डेंगू एक बड़ा मच्छर होता है जिसे टाइगर मच्छर कहा जाता है | यह मच्छर रात के बजाय दिन में काटता है  इससे बचने के लिए घरो के आसपास साफ़ पानी नहीं रहना चाहिए,क्योकि डेंगू मच्छर अपना लार्वा साफ़ पानी में देता है | डेंगू का लार्वा दस से पंद्रह दिनों के भीतर तैयार हो जाता है | डाक्टरों ने सलाह दी कि डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास सफाई रखे घरो में साफ़ पानी का स्टोरेज बिलकुल मत करे जिससे डेंगू से बचाव किया जा सके | 

बाईट - डॉ ऋचा गिरी (विभागाध्यक्ष_मेडिसीन विभाग)
बाईट - जे एस कुशवाहा (मेडिसीन विभाग के प्रोफ़ेसर)

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