कानपुर: आईआईटी कानपुर में दाखिला लेने वाले छात्रों, खासतौर से बीटेक प्रथम वर्ष के लिए अच्छी खबर है. अभी तक छात्र हिंदी व अन्य भाषाओं में 12वीं तक की पढ़ाई करके जब कैम्पस में अंग्रेजी भाषा के लेक्चर अटैंड करते थे, तो उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. हालांकि, इसी सत्र से आगामी सत्रों तक अब यह दिक्कत पूरी तरह से दूर हो जाएगी.
अब आईआईटी कानपुर व शिवानी सेंटर फॉर द नर्चर एंड रिइंटीग्रेशन इन हिंदी के विशेषज्ञ मिलकर प्रथम वर्ष (बीटेक) के छात्रों के लिए जो पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं, वह हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं में होगा. इसके अलावा छात्रों को जो नोट्स उपलब्ध कराए जाएंगे, वह भी कई भाषाओं में तैयार किए जाएंगे. आईआईटी कानपुर में ऐसा पहली बार होगा. नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पूरी होने पर वार्ता कर उक्त जानकारी आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने दी. उन्होंने बताया कि पहले चरण में भौतिक विज्ञान व कंप्यूटर साइंस विषय के नोट्स व पाठ्यक्रम को तैयार कर रहे हैं. अगले चरण में फैकल्टी सदस्यों को भी इस संबंध में प्रशिक्षण दिलाएंगे. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि आईआईटी कानपुर में इसी सत्र से बीटेक आनर्स का कोर्स भी शुरू हो गया है.
आईआईटी कानपुर में अगले सत्र से ऐसे छात्रों को सीधे प्रवेश का मौका मिलेगा जो 12वीं के साथ ही इंटरनेशनल ओलंपियाड में बेहतर प्रदर्शन करेंगे. आईआईटी निदेशक के मुताबिक ऐसे छात्रों को हम सुपर न्यूमेरी सीट (पांच या 10 होंगी) पर प्रवेश देंगे. इसके लिए खाका खींचा जा रहा है. इतना ही नहीं, जल्द ही आईआईटी कानपुर व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्किल्स के बीच करार भी होगा. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि संस्थान द्वारा छात्रों की पढ़ाई के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म साची तैयार कराया जा रहा है जिसका सबसे अधिक लाभ 11वीं व 12वीं के छात्रों को मिलेगा। इसके साथ ही आईआईटियंस भी अपनी पढ़ाई कर सकेंगे.
वार्ता के दौरान मौजूद जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार जैन ने बताया कि पहली बार विद्यालय में ट्रांसजेंडर को दाखिला मिलेगा. इसके लिए सूचना जारी कर दी गई है. सीटों की संख्या असीमित रखी गई है. उन्होंने दावा किया कि कानपुर का जवाहर नवोदय विद्यालय सूबे का पहला ऐसा विद्यालय होगा जहां ट्रांसजेडर प्रवेश ले सकेंगे. यही नहीं, जवाहर नवोदय विद्यालय में अब छठवीं से लेकर 10वीं तक के बच्चों को स्किल बेस्ड विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, हैंडीक्रॉफ्ट समेत अन्य कई विषय शामिल हैं.
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