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देश को साइबर अटैक से बचाने के लिए IIT कानपुर तैयार करेगा एक्सपर्ट्स की फौज

IIT कानपुर कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग अगस्त 2021 से साइबर सुरक्षा में तीन पाठ्यक्रम एमटेक, एमएस बाय-रिसर्च और बीटेक-एमटेक दोहरी डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगा. इससे सरकार में साइबर सुरक्षा और साइबर-रक्षा कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हो सके.

IIT कानपुर
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Published : Dec 15, 2020, 6:02 PM IST

कानपुर: साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर नया पाठ्यक्रम शुरू कर उद्योग और देश की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित साइबर सैनिकों की मांग को अब पूरा करने जा रहा है. इसके लिए बाकायदा आईआईटी कानपुर के कैम्पस में अप्रैल-मई 2021 के सत्र में पाठ्यक्रम में प्रवेश शुरू हो जाएगा. साइबर सिक्योरिटी के कोर्स में एमटेक, अनुसंधान द्वारा एमएस और बीटी-एमटी दोहरी डिग्री कार्यक्रम अगस्त 2021 से शुरू हो जाएगा.

आईआईटी कानपुर नया पाठ्यक्रम शुरू करेगा

बिना खून बहाए देश को गुटने पर ला सकते हैं हैकर
आज की डिजिटल दुनिया में डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा भी सबसे महत्वपूर्ण है और देश में साइबर सुरक्षा के मद्देनजर साइबर एक्सपर्ट्स की बहुत जरूरत है. देश की सुरक्षा के लिए बॉर्डर के साथ डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा भी सबसे अहम है, क्योंकि देश के दुश्मन डिजिटल बुनियादी ढांचे पर हमला करके किसी भी राष्ट्र को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर सकते हैं. इस खतरे से बचने के लिए साइबर सुरक्षा और प्रशिक्षित साइबर एक्सपर्ट्स की देश में खासा जरूरत है. इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर साइबर स्पेस के लिए एक समर्पित केंद्र के अलावा साइबरस्पेस में तीन नए मास्टर पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. साइबर सुरक्षा के इन कोर्स को ऐसा डिजाइन किया गया है जो हर प्रकार की चुनौती का न सिर्फ निराकरण करने में सक्षम होंगे, बल्कि साइबर अटैक करने वालों को उन्हीं की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देने में भी पारंगत होंगे.

साइबर सुरक्षा के यह पाठ्यक्रमों में होंगी इतनी सीटें
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग अगस्त 2021 से साइबर सुरक्षा में तीन पाठ्यक्रम एमटेक, एमएस बाय-रिसर्च और बीटेक-एमटेक दोहरी डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगा. साइबर सुरक्षा में तीन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की पहल के बारे में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल और प्रो. संदीप के. शुक्ला ने ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि साइबर सुरक्षा में एमटेक कार्यक्रम के लिए प्रारंभिक प्रवेश में 15 छात्रों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े 10 छात्रों को शुरुआत में प्रवेश मिलेगा. इसके बाद धीरे-धीरे हर सत्र में सीटों की संख्या में इजाफा होगा, ताकि सरकार में साइबर सुरक्षा और साइबर-रक्षा कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हो सके.

साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम में इन तकनीकी ज्ञान पर रहेगा जोर
साइबर सिक्योरिटी में एमटेक कार्यक्रम छात्रों को आवश्यक कौशल से लैस करेगा. जैसे कि VAPT (वल्नरेबिलिटी असेसमेंट एंड पेनिट्रेशन टेस्टिंग) इंजीनियरों, सुरक्षा केंद्र विश्लेषकों, CERT (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) इंजीनियरों, साइबरस्पेस टूल डेवलपर्स और अन्य भूमिकाएं जिनमें दुर्भावनापूर्ण व्यक्तिओं द्वारा हमलों के खतरे के खिलाफ सुरक्षा प्रणालियों को शामिल किया गया है. MS बाय रिसर्च प्रोग्राम को साइबर स्पेस रिसर्चर्स, टेक्नोलॉजी डेवलपर्स, साइबर स्पेस स्ट्रेटेजिस्ट और टॉप लेवल साइबर स्पेस पॉलिसी डिजाइनर्स को प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. बीटी-एमटी दोहरी डिग्री वाले छात्रों के लिए एक विकल्प प्रस्तावित है, जो उन्हें साइबर स्पेस में विशेषज्ञता प्राप्त करने में सक्षम करेगा.

कानपुर: साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर नया पाठ्यक्रम शुरू कर उद्योग और देश की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित साइबर सैनिकों की मांग को अब पूरा करने जा रहा है. इसके लिए बाकायदा आईआईटी कानपुर के कैम्पस में अप्रैल-मई 2021 के सत्र में पाठ्यक्रम में प्रवेश शुरू हो जाएगा. साइबर सिक्योरिटी के कोर्स में एमटेक, अनुसंधान द्वारा एमएस और बीटी-एमटी दोहरी डिग्री कार्यक्रम अगस्त 2021 से शुरू हो जाएगा.

आईआईटी कानपुर नया पाठ्यक्रम शुरू करेगा

बिना खून बहाए देश को गुटने पर ला सकते हैं हैकर
आज की डिजिटल दुनिया में डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा भी सबसे महत्वपूर्ण है और देश में साइबर सुरक्षा के मद्देनजर साइबर एक्सपर्ट्स की बहुत जरूरत है. देश की सुरक्षा के लिए बॉर्डर के साथ डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा भी सबसे अहम है, क्योंकि देश के दुश्मन डिजिटल बुनियादी ढांचे पर हमला करके किसी भी राष्ट्र को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर सकते हैं. इस खतरे से बचने के लिए साइबर सुरक्षा और प्रशिक्षित साइबर एक्सपर्ट्स की देश में खासा जरूरत है. इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर साइबर स्पेस के लिए एक समर्पित केंद्र के अलावा साइबरस्पेस में तीन नए मास्टर पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. साइबर सुरक्षा के इन कोर्स को ऐसा डिजाइन किया गया है जो हर प्रकार की चुनौती का न सिर्फ निराकरण करने में सक्षम होंगे, बल्कि साइबर अटैक करने वालों को उन्हीं की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देने में भी पारंगत होंगे.

साइबर सुरक्षा के यह पाठ्यक्रमों में होंगी इतनी सीटें
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग अगस्त 2021 से साइबर सुरक्षा में तीन पाठ्यक्रम एमटेक, एमएस बाय-रिसर्च और बीटेक-एमटेक दोहरी डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करेगा. साइबर सुरक्षा में तीन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की पहल के बारे में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल और प्रो. संदीप के. शुक्ला ने ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि साइबर सुरक्षा में एमटेक कार्यक्रम के लिए प्रारंभिक प्रवेश में 15 छात्रों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े 10 छात्रों को शुरुआत में प्रवेश मिलेगा. इसके बाद धीरे-धीरे हर सत्र में सीटों की संख्या में इजाफा होगा, ताकि सरकार में साइबर सुरक्षा और साइबर-रक्षा कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हो सके.

साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम में इन तकनीकी ज्ञान पर रहेगा जोर
साइबर सिक्योरिटी में एमटेक कार्यक्रम छात्रों को आवश्यक कौशल से लैस करेगा. जैसे कि VAPT (वल्नरेबिलिटी असेसमेंट एंड पेनिट्रेशन टेस्टिंग) इंजीनियरों, सुरक्षा केंद्र विश्लेषकों, CERT (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) इंजीनियरों, साइबरस्पेस टूल डेवलपर्स और अन्य भूमिकाएं जिनमें दुर्भावनापूर्ण व्यक्तिओं द्वारा हमलों के खतरे के खिलाफ सुरक्षा प्रणालियों को शामिल किया गया है. MS बाय रिसर्च प्रोग्राम को साइबर स्पेस रिसर्चर्स, टेक्नोलॉजी डेवलपर्स, साइबर स्पेस स्ट्रेटेजिस्ट और टॉप लेवल साइबर स्पेस पॉलिसी डिजाइनर्स को प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. बीटी-एमटी दोहरी डिग्री वाले छात्रों के लिए एक विकल्प प्रस्तावित है, जो उन्हें साइबर स्पेस में विशेषज्ञता प्राप्त करने में सक्षम करेगा.

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