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आखिर क्यों तेजी से गिर रहा है जलस्तर, देखें IIT कानपुर की खास रिपोर्ट

तेजी से गिरते भूगर्भ जलस्तर को लेकर IIT कानपुर ने अपनी रिसर्च प्रस्तुत की है. इस रिसर्च के आने के बाद गिरता जल स्तर चिंता का विषय बन गया है. चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. IIT कानपुर के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार में भी तेजी से भूगर्भ जल स्तर गिरता जा रहा है. सरकारों को रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाने चाहिए.

देखें IIT कानपुर की खास रिपोर्ट
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Published : Jul 7, 2021, 6:05 PM IST

कानपुर: तेजी से भूगर्भ जलस्तर का गिरना चिंता का विषय बनता जा रहा है. आलम यह है कि पिछले चालीस सालों में देश के कई हिस्सों में भूगर्भ जल का स्तर 30 मीटर तक गिर गया है. ऐसे में वाटर मैनेजमेंट की जरूरत है. आईआईटी कानपुर की रिसर्च में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इन तथ्यों ने खतरे की घंटी बजा दी है. रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि दूसरे कारणों के साथ सही फसल चक्र के मैनेजमेंट न होना भी जलस्तर गिरने का बड़ा कारण है.

देखें IIT कानपुर की खास रिपोर्ट
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और केन्द्रीय भूजल बोर्ड के निर्देशन में आईआईटी कानपुर ने भूगर्भ जल स्तर पर अध्ययन किया है. यह अध्ययन आईआईटी के वैज्ञानिक राजीव सिन्हा की देखरेख में पंजाब और हरियाणा सहित देश के उत्तर पश्चिम में स्थित राज्यों में किया गया है. इस अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कृषि का मांग को पूरा करने के लिए भूजल का तेजी से अवशोषण किया जा रहा है, जो जल स्तर में गिरावट का बड़ा कारण है. इन इलाकों में धान की खती मे अंधाधुंध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार में भी जलस्तर का तेजी से गिरना परेशानी का सबब बना हुआ है. इन्डस्ट्री के कामों के साथ फसल में पानी की बर्बादी होने से जल संकट गहरा रहा है.IIT की रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि पिछले 40-50 सालों में जल स्तर 20-30 मीटर तक गिर गया है. आईआईटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि 20 से 30 मीटर का जलस्तर का गिरना बहुत गम्भीर मामला है. जल स्तर में गिरावट के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हैं. जहां जलस्तर में सुधार के लिए अलग-अलग तौर तरीके अपनने का जरूरत है. साथ ही क्रॉप वाटर मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. IIT कानपुर के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार में भी तेजी से भूगर्भ जल स्तर गिरता जा रहा है. सरकारों को रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाने चाहिए.

कानपुर: तेजी से भूगर्भ जलस्तर का गिरना चिंता का विषय बनता जा रहा है. आलम यह है कि पिछले चालीस सालों में देश के कई हिस्सों में भूगर्भ जल का स्तर 30 मीटर तक गिर गया है. ऐसे में वाटर मैनेजमेंट की जरूरत है. आईआईटी कानपुर की रिसर्च में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इन तथ्यों ने खतरे की घंटी बजा दी है. रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि दूसरे कारणों के साथ सही फसल चक्र के मैनेजमेंट न होना भी जलस्तर गिरने का बड़ा कारण है.

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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और केन्द्रीय भूजल बोर्ड के निर्देशन में आईआईटी कानपुर ने भूगर्भ जल स्तर पर अध्ययन किया है. यह अध्ययन आईआईटी के वैज्ञानिक राजीव सिन्हा की देखरेख में पंजाब और हरियाणा सहित देश के उत्तर पश्चिम में स्थित राज्यों में किया गया है. इस अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कृषि का मांग को पूरा करने के लिए भूजल का तेजी से अवशोषण किया जा रहा है, जो जल स्तर में गिरावट का बड़ा कारण है. इन इलाकों में धान की खती मे अंधाधुंध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार में भी जलस्तर का तेजी से गिरना परेशानी का सबब बना हुआ है. इन्डस्ट्री के कामों के साथ फसल में पानी की बर्बादी होने से जल संकट गहरा रहा है.IIT की रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि पिछले 40-50 सालों में जल स्तर 20-30 मीटर तक गिर गया है. आईआईटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि 20 से 30 मीटर का जलस्तर का गिरना बहुत गम्भीर मामला है. जल स्तर में गिरावट के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हैं. जहां जलस्तर में सुधार के लिए अलग-अलग तौर तरीके अपनने का जरूरत है. साथ ही क्रॉप वाटर मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. IIT कानपुर के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार में भी तेजी से भूगर्भ जल स्तर गिरता जा रहा है. सरकारों को रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाने चाहिए.
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