ETV Bharat / state

यूपी में हुआ बालासोर जैसा हादसा तो लोगों की जान बचाएंगे फायरकर्मी, जानिए क्या है रणनीति - अग्निशमन व आपात सेवाएं

ओडिशा के बालासोर जिले में हुए रेल हादसे ने पूरे देश के लोगों के झकझोर कर रख दिया था. इस घटना के बाद से रेलवे लगातार सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा कर रहा है.

महानिदेशक अविनाश चंद्र
महानिदेशक अविनाश चंद्र
author img

By

Published : Jun 23, 2023, 5:29 PM IST

डीजी अग्निशमन अविनाश चंद्र ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

कानपुर : देश और दुनिया में ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की चर्चा रही. इस घटना के बाद से लगातार सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता करने पर जोर दिया जा रहा है. यूपी में इस तरह का हादसा होने पर पुलिस-प्रशासन और सैन्य कर्मियों के साथ ही दमकल विभाग के कर्मी भी लोगों की जान बचाने के लिए आगे आएंगे. शहर आए महानिदेशक अग्निशमन व आपात सेवाएं अविनाश चंद्र ने तमाम रणनीतियों को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

महानिदेशक अविनाश चंद्र ने कहा कि घटना की सूचना मिलने पर 52 सेकेंड में ही फील्ड कर्मी मौके पर पहुंच जाते हैं. घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फायरकर्मी बाइकों से पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी रिस्पांस के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से तैयार है. हमें केंद्र व राज्य सरकार से ग्रांट मिल रही है, जिससे हम आधुनिक तकनीकों वाले उपकरण खरीद रहे हैं. अपने कर्मियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. पिछले सात सालों में हमारे यहां संसाधन दोगुने से अधिक हो चुके हैं. वार्ता के दौरान सीएफओ दीपक शर्मा भी मौजूद रहे.

लोगों की जान बचाएंगे फायरकर्मी.
लोगों की जान बचाएंगे फायरकर्मी.

आगजनी की घटना में हर पल एक युग के बराबर : डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र से जब रिस्पांस टाइम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे कर्मी के लिए रिस्पांस टाइम महज 52 सेकेंड है. आगजनी का हर पल एक युग के बराबर है. इसलिए मेरा कहना है, कि अगर कहीं आगजनी हुई है तो जो लोग मौके पर हैं, वह बालू, कंबल, मिट्टी, पानी जो भी मिल जाए उससे आग बुझाने का प्रयास जरूर करें.

बाइक से भी पहुंचेंगे कर्मी : डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र से जब यह पूछा गया, कि कानपुर समेत अन्य शहरों के जो घनी आबादी वाले इलाके हैं, वहां आगजनी की घटनाएं रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ऐसे इलाकों में फायरकर्मी बाइकों से पहुंचेंगे. साथ ही वहां हौज पाइप को बिछाकर आग बुझाने का प्रयास किया जाएगा. बोले, 80 फीसद से अधिक आगजनी की घटनाएं इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट की वजह से हो रहीं हैंं, लिहाजा सभी लोग अपने घरों, दुकानों व कार्यालयों का इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट करा लें.

आग से ज्यादा धुआं गंभीर, बैठकर बचाएं जान : डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र ने बताया कि आगजनी की घटनाओं के दौरान धुएं में फंसकर कई लोग दम तोड़ देते हैं. ऐसे में जरूरी है, कि जहां धुआं हो वहां फौरन जमीन पर बैठ जाएं. धुआं हमेशा डेढ़ से दो फीट की ऊंचाई पर रहता है. इसके साथ ही अपने नाक के चारों ओर रूमाल या तौलिया भिगोकर लपेट लें.

यह भी पढ़ें : अब छात्र व स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पकड़ेंगी बिजली चोर! तैयार किया जा रहा डाटा

डीजी अग्निशमन अविनाश चंद्र ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

कानपुर : देश और दुनिया में ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की चर्चा रही. इस घटना के बाद से लगातार सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता करने पर जोर दिया जा रहा है. यूपी में इस तरह का हादसा होने पर पुलिस-प्रशासन और सैन्य कर्मियों के साथ ही दमकल विभाग के कर्मी भी लोगों की जान बचाने के लिए आगे आएंगे. शहर आए महानिदेशक अग्निशमन व आपात सेवाएं अविनाश चंद्र ने तमाम रणनीतियों को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

महानिदेशक अविनाश चंद्र ने कहा कि घटना की सूचना मिलने पर 52 सेकेंड में ही फील्ड कर्मी मौके पर पहुंच जाते हैं. घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फायरकर्मी बाइकों से पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी रिस्पांस के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से तैयार है. हमें केंद्र व राज्य सरकार से ग्रांट मिल रही है, जिससे हम आधुनिक तकनीकों वाले उपकरण खरीद रहे हैं. अपने कर्मियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. पिछले सात सालों में हमारे यहां संसाधन दोगुने से अधिक हो चुके हैं. वार्ता के दौरान सीएफओ दीपक शर्मा भी मौजूद रहे.

लोगों की जान बचाएंगे फायरकर्मी.
लोगों की जान बचाएंगे फायरकर्मी.

आगजनी की घटना में हर पल एक युग के बराबर : डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र से जब रिस्पांस टाइम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे कर्मी के लिए रिस्पांस टाइम महज 52 सेकेंड है. आगजनी का हर पल एक युग के बराबर है. इसलिए मेरा कहना है, कि अगर कहीं आगजनी हुई है तो जो लोग मौके पर हैं, वह बालू, कंबल, मिट्टी, पानी जो भी मिल जाए उससे आग बुझाने का प्रयास जरूर करें.

बाइक से भी पहुंचेंगे कर्मी : डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र से जब यह पूछा गया, कि कानपुर समेत अन्य शहरों के जो घनी आबादी वाले इलाके हैं, वहां आगजनी की घटनाएं रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ऐसे इलाकों में फायरकर्मी बाइकों से पहुंचेंगे. साथ ही वहां हौज पाइप को बिछाकर आग बुझाने का प्रयास किया जाएगा. बोले, 80 फीसद से अधिक आगजनी की घटनाएं इलेक्ट्रिकल शार्ट सर्किट की वजह से हो रहीं हैंं, लिहाजा सभी लोग अपने घरों, दुकानों व कार्यालयों का इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट करा लें.

आग से ज्यादा धुआं गंभीर, बैठकर बचाएं जान : डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र ने बताया कि आगजनी की घटनाओं के दौरान धुएं में फंसकर कई लोग दम तोड़ देते हैं. ऐसे में जरूरी है, कि जहां धुआं हो वहां फौरन जमीन पर बैठ जाएं. धुआं हमेशा डेढ़ से दो फीट की ऊंचाई पर रहता है. इसके साथ ही अपने नाक के चारों ओर रूमाल या तौलिया भिगोकर लपेट लें.

यह भी पढ़ें : अब छात्र व स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पकड़ेंगी बिजली चोर! तैयार किया जा रहा डाटा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.