कानपुर: अक्सर ही ऐसा सुनने में आता है कि बेहद चर्चित मामलों में अधिवक्ता व जज में तीखी बहस जरूर होती है. ठीक वैसे ही कानपुर में अधिवक्ताओं की हड़ताल के मामले में शुक्रवार को जब बार व लॉयर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने पहुंचे तो यहां भी अधिवक्ताओं की जज से अच्छी खासी बहस हुई. दरअसल, अधिवक्ताओं की हड़ताल मामले में हाईकोर्ट की सात जजों की बेंच ने उक्त संगठनों के पदाधिकारियों को तलब किया था.
बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जब उनकी ओर से यह कहा गया कि जिला जज का तबादला किया जाए तो सभी अधिवक्ता हड़ताल खत्म कर देंगे. इस पर जजों ने कहा कि बुधवार तक पहले हड़ताल खत्म करिए. इतना सुनने के बाद कोर्ट के अंदर अधिवक्ता एकता जिंदाबाद के नारे गूंजने लगे. मामला यही नहीं थमा, नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा जब तबादला होगा तभी हड़ताल खत्म होगी. जजों की ओर से इसे अवमानना करार देते हुए कहा गया कि आपको जेल भेजा जा सकता है. इस वाक्य के जवाब में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, कि सर जेल भेज दीजिए...मैं किसान का बेटा हूं खेती करके जीवनयापन कर लूंगा. मगर, जो फैसला आमसभा में हुआ है उस पर एकदम से अपना जवाब दे पाना ठीक नहीं. हालांकि, पूरी सुनवाई के बाद बार व लॉयर्स एसोसिएशन के अधिवक्ता वापस कानपुर आ गए. अधिवक्ताओं ने तय किया कि वह अपनी हड़ताल जारी रखेंगे. जबकि हाईकोर्ट ने बुधवार तक हड़ताल खत्म करने के लिए कहा गया है.
सोशल मीडिया पर तस्वीरें कीं अपलोड: शुक्रवार को जब बार व लॉयर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी हाईकोर्ट पहुंचे तो उनके साथ कई युवा अधिवक्ता भी थे. अधिकतर अधिवक्ताओं ने मौके से ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपनी तस्वीरें अपलोड की. इसके बाद जब सभी पदाधिकारी व अधिवक्ता कानपुर वापस आए, तो शहर के एंट्री प्वाइंट कहे जाने वाले रामादेवी चौराहा पर अधिवक्ताओं ने पदाधिकारियों का भव्य स्वागत किया. खूब जमकर नारेबाजी हुई. फिर, जैसे ही अधिवक्ता कानपुर कोर्ट पहुंचे तो उन्होंने एकजुट होकर कहा कि हड़ताल जारी रहेगी. इस मौके पर बार एसोसिएशन महामंत्री अनुराग श्रीवास्तव, प्रभात श्रीवास्तव, रविन्द्र शर्मा, योगेंद्र अवस्थी समेत अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे.
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