कानपुर: कहा जाता है कि वृक्ष हमारी धरोहर हैं. इन्हें सहेजकर रखना और इनका संयोजन करना हमारा कर्तव्य है. वृक्षों की असली अहमियत लोगों को तब पता लगी, जब कोरोना महामारी के दौरान लोगों का ऑक्सीजन स्तर अचानक से गिरने लगा था. सरकार अब सजग होकर हर साल करोड़ों पौधों का रोपण करवा रही है. इन्हीं वृक्षों से एक जानकारी निकलकर कानपुर वन विभाग के अधिकारियों के पास आई है. यहां कुछ दिनों पहले ही सरकार ने सूबे के 948 ऐसे वृक्षों को विरासत वृक्ष अथवा हेरीटेज ट्री की श्रेणी में शामिल किया है जो 100 साल या उससे अधिक की उम्र पूरी कर चुके हैं. कानपुर रेंज में बिल्हौर के पास वन विभाग के अधिकारियों ने पीपल, बरगद समेत ऐसे कुल 9 वृक्ष मिले हैं. इन वृक्षों को लेकर वन विभाग के अधिकारी पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में लग गए हैं.
सरकार ने लांच की कॉफी टेबल बुक: ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में मुख्य वन संरक्षक केके सिंह ने बताया कि सरकार ने पूरे प्रदेश में जिन हेरीटेज ट्री को चिन्हित किया है. वह अपने आप में एक अनूठी कवायद है. उन्होंने कहा जब कोई पेड़ किन्हीं कारणों से काटा जाता है तो सभी को बहुत दु:ख होता है. लेकिन अब सरकार प्रदेश को इन पौधों के रूप में एक ऐसा नगीना देने जा रही है जो हमारी धरोहर का हिस्सा रहेगी. उन्होंने बताया कि इन पौधों की उम्र क्या है, इनकी विशेषता क्या है ? इस तरह की तमाम अन्य जानकारियों के साथ सरकार ने बाकायदा हेरीटेज ट्री को लेकर एक कॉफी टेबल बुक भी लांच की है.
सेल्फी प्वाइंट के साथ आकर्षित करेंगे हेरीटेज ट्री: मुख्य वन संरक्षक अधिकारी ने बताया कि जितने भी हेरीटेज ट्री हैं. उनके आसपास सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा. इससे लोगों के अंदर जबर्दस्त क्रेज होगा. इसके अलावा हेरीटेज ट्री के पास ही झूले लगाए जांएगे. इसके अलावा पौधे से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी के लिए एक बोर्ड लागाया जाएगा. जिसके लिए दिशा निर्देश जारी कर बताया जाएगा कि इन हेरीटेट ट्री को कभी नहीं काटा जाएगा. वहीं, कुछ विशेष आयोजनों पर इन्हें सजाया भी जाएगा. जैसे विवाह के आयोजनों पर दुल्हन को सजाया जाता है.
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