कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज, पांच या 10 लाख रुपये में नहीं, महज एक रुपये में हो सकेगा. शायद यह बात हैरानी भरी लगती हो, लेकिन है पूरी तरह से हकीकत है. सूबे के पहले इस राजकीय मेडिकल कॉलेज में अब चिकित्सक ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कर सकेंगे. इस तकनीक से दो मरीजों का सफल उपचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है.
केवल संक्रमित हिस्से को हटाया जाएगा: जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि पिछले सालों में जब कोई ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित मरीज होता था. तो उसका पूरा स्तन हटाया जाता था. हालांकि, ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक से केवल स्तन के संक्रमित हिस्से को हटाया जाएगा. उसमें भी दो कंडीशंस हैं, अगर हिस्सा 15 फीसद तक संक्रमित है तो स्तन के ही कुछ भाग से वहां के मांस की फिलिंग कर देंगे. अगर 15 फीसद से अधिक हिस्सा संक्रमित है, तो शरीर के किसी अन्य अंग की खाल से स्तन की खाल को भरा जाएगा. यह प्रदेश का पहला ऐसा मेडिकल कॉलेज हैं, जहां अब ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक का उपयोग चिकित्सक करेंगे.
आयुष्मान योजना का लाभ ले सकेंगे, ओटी में शुल्क है माफ: प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि कोई भी मरीज जब ओपीडी में एक रुपये से अपना पर्चा बनवा सकता है. इसके बाद वह आयुष्मान योजना का लाभ ले सकता है. जबकि कैंसर पीड़ितों के लिए ओटी का खर्च पूरी तरह माफ है.
पांच लाख नहीं, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एक रुपए में कराएं ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब पांच लाख नहीं, बल्कि एक रुपए ब्रेस्ट कैंसर का इलाज होगा. ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक से दो मरीजों का सफल उपचार किया गया है.
कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज, पांच या 10 लाख रुपये में नहीं, महज एक रुपये में हो सकेगा. शायद यह बात हैरानी भरी लगती हो, लेकिन है पूरी तरह से हकीकत है. सूबे के पहले इस राजकीय मेडिकल कॉलेज में अब चिकित्सक ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कर सकेंगे. इस तकनीक से दो मरीजों का सफल उपचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है.
केवल संक्रमित हिस्से को हटाया जाएगा: जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि पिछले सालों में जब कोई ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित मरीज होता था. तो उसका पूरा स्तन हटाया जाता था. हालांकि, ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक से केवल स्तन के संक्रमित हिस्से को हटाया जाएगा. उसमें भी दो कंडीशंस हैं, अगर हिस्सा 15 फीसद तक संक्रमित है तो स्तन के ही कुछ भाग से वहां के मांस की फिलिंग कर देंगे. अगर 15 फीसद से अधिक हिस्सा संक्रमित है, तो शरीर के किसी अन्य अंग की खाल से स्तन की खाल को भरा जाएगा. यह प्रदेश का पहला ऐसा मेडिकल कॉलेज हैं, जहां अब ओंको मेमो प्लास्टिक तकनीक का उपयोग चिकित्सक करेंगे.
आयुष्मान योजना का लाभ ले सकेंगे, ओटी में शुल्क है माफ: प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि कोई भी मरीज जब ओपीडी में एक रुपये से अपना पर्चा बनवा सकता है. इसके बाद वह आयुष्मान योजना का लाभ ले सकता है. जबकि कैंसर पीड़ितों के लिए ओटी का खर्च पूरी तरह माफ है.