कानपुर: बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी पर पुलिस लगातार शिकंजा कसती जा रही है. पुलिस ने जय वाजपेयी पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है. जिले के थाना नजीराबाद पुलिस ने जय वाजपेयी पर गिरोह बनाकर संगठित अपराध करने का मुकदमा दर्ज किया है. अपराध में जय वाजपेयी के तीन भाइयों के भी नाम शामिल किए गए हैं. पुलिस जय वाजपेयी को विकास दुबे की मदद करने के मामले में पहले ही जेल भेज चुकी है.
जय बाजपेयी जोकि ब्रह्म नगर थाना नजीराबाद क्षेत्र का रहने वाला है. उसके खिलाफ गुरुवार को नजीराबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. साथ ही जय वाजपेयी के तीन भाई शोभित वाजपेयी, रजत कांत वाजपेयी और अजय कांत वाजपेयी को भी इस मुकदमे में शामिल किया गया है. गैंग बनाकर अपराध करना और अवैध संपत्ति अर्जित करने के संबंध में यह कार्रवाई हुई है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि जय ने अपराध में संलिप्त होकर करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई है.
पुलिस की पड़ताल से यह साफ हो गया था कि उसने दो नंबर की कमाई से रकम जुटाई और प्रॉपर्टी बनाई. एक अहम पहलू यह भी है कि जय ने प्रॉपर्टी और रकम जुटाने में अपराध का भी सहारा लिया. खासतौर पर जय वाजपेयी ने विकास दुबे जैसे दहशतगर्दों का साथ दिया था. गौरतलब है कि जय वाजपेयी की आय से अधिक संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग कर रहा है.
पुराना है जय का आपराधिक रिकॉर्ड
जय वाजपेयी के खिलाफ कई आपराधिक मामले पहले से अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. इसमें डकैती से लेकर मारपीट जैसी कई बड़ी वारदातें शामिल हैं. अधिकतर मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट भी लग चुकी है. बिकरू कांड में जय वाजपेयी को जेल भेजा गया है. साथ ही उसका आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है. पुलिस अफसरों का कहना है कि जय के खिलाफ जो भी पुराने केस दर्ज थे, उन सभी को खोला जाएगा. अगर पुलिस की लापरवाही रही तो उन पर कार्रवाई होगी.
स्थानीयों की मानें तो कभी जय वाजपेयी की एक पान की दुकान हुआ करती थी. बाद में विकास दुबे के संरक्षण में जय वाजपेयी ने 7 साल में अकूत संपत्ति अर्जित कर ली. जिले के थाना चौबेपुर पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 192/20 जिसमें धारा 147, 148, 149, 302, 307, 395, 412, 120b भारतीय दंड विधान 7 सीएलए एक्ट में जेल भेजा जा चुका है.