कानपुर: जिले में दहशतगर्द विकास दुबे और उसके गुर्गों को शरण देने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. एसटीएफ ने संरक्षण के मामले में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. एसटीएफ के कानपुर इंचार्ज शैलेंद्र कुमार सिंह ने थाना पनकी में मुकदमा दर्ज कराया है. विकास दुबे के मददगारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 216-ए के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है. साथ ही विकास दुबे को संरक्षण देने के सभी मामलों का इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर इंस्पेक्टर अर्मापुर को नियुक्त किया गया है.
एसटीएफ ने इस मामले में पहले छह मददगारों को पकड़ कर जेल भेजा था. इन छह लोगों के अलावा चार और लोगों को आरोपी बनाया गया है, जो अभी भी फरार हैं. पुलिस ने एसटीएफ की कार्रवाई के 17 दिन बाद मामला दर्ज किया है. एसटीएफ ने एक मार्च को सात लोगों को अवैध असलहों के साथ गिरफ्तार किया था, जिसमें छह आरोपियों ने विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्र को वारदात के बाद से लेकर तीन दिनों तक शरण दी थी. उन्होंने विकास और उसके साथियोंं को फरार होने में मदद भी की थी.
मददगारों की फेहरिस्त का खुलासा
स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने 1 मार्च को बताया था कि एसटीएफ की कानपुर यूनिट ने भौति के पनकी पड़ाव चौराहे से इंडस्ट्रियल एरिया की ओर जाने वाले सर्विस रोड के पास से विकास दुबे को संरक्षण देने वाले और भागने में उसकी मदद करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें विष्णु कश्यप जो कि शिवली थाना क्षेत्र के जनपद कानपुर देहात का रहने वाला है. उसका साथी अमन शुक्ला जो कि थाना रूरा जनपद कानपुर देहात का रहने वाला है, शामिल था. अन्य लोगों में रामजी उर्फ राधे जो कि रसूलाबाद थाना क्षेत्र कानपुर देहात का रहने वाला है. अभिनव तिवारी उर्फ चीकू थाना रूरा जनपद कानपुर देहात का रहने वाला है. इसके साथ मनीष यादव उर्फ शेरू ग्राम डीडी कला मध्यप्रदेश के भिंड का रहने वाला है, समेत शुभम पाल थाना मंगलपुर कानपुर देहात का रहने वाला बताया जा रहा है. इन सभी सात आरोपियों के खिलाफ थाना पनकी में आर्म्स एक्ट में एफआईआर दर्ज हुई थी.
पनकी में मुकदमा दर्ज
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में अर्पित उर्फ पुत्तू मिश्रा, अभिषेक उर्फ छोटू, विक्की यादव समेत मोहन अवस्थी का नाम विकास के मददगारों की फेहरिस्त में सामने आए हैं. इस प्रकरण में एसटीएफ की तरफ से हथियारों के तस्कर मनीष यादव को छोड़ कर सभी दस आरोपियों के खिलाफ विकास दुबे को संरक्षण देने के आरोप में थाना पनकी में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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एसटीएफ ने स्वचालित हथियार भी किए थे बरामद
गौरतलब है कि पिछले साल की 2 जुलाई की रात थाना चौबेपुर के बिकरू गांव में पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश दी थी. इस दौरान पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर एक डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना में इस्तेमाल की गई स्वचालित हथियार भी बरामद किए गए. लेकिन सेमी ऑटोमेटिक राइफल जिससे विकास दुबे ने गोलियां दागी थी, उसकी तलाश जारी थी. जिसको एसटीएफ की टीम ने 1 मार्च को रिकवर कर लिया था. साथ ही एक 9 एमएम की अवैध कार्बाइन, अवैध रिवॉल्वर, अवैध बंदूक, दो तमंचे के साथ एके-47 की जिंदा कारतूस समेत तमाम प्रतिबंधित बोर के कारतूस को भी पुलिस ने लोगों के पास से बरामद किया था. पुलिस ने फरार अपराधियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया है.