कानपुर: चिकित्सा और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में नए अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने विशेषज्ञता प्राप्त संस्थानों से जुड़ाव रखने की दिशा में नई कवायद की है. अब सीएसजेएमयू व जैव चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, (सेंटर फार बायोमेडिकल रिसर्च) लखनऊ के विशेषज्ञ साथ मिलकर काम करेंगे. दोनों ही संस्थानों के बीच बुधवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. इस एमओयू का उद्देश्य नए शोध के लिए रिसोर्सेज को बढ़ावा देना और जैव चिकित्सा अनुसंधान और इसके अनुप्रयोगों को विकसित करना है, जिससे चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर ज्यादा से ज्यादा मानव जीवन को सुगम और सुरक्षित किया जा सके.
इस मामले पर सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि मौजूदा दौर में ज्यादातर अनुसंधान, संस्थानों और विश्वविद्यालयों के परस्पर सहयोग से हो रहे हैं, जिससे कि अनुसंधान और प्रकाशन के कार्यों को एक नई राह मिल रही है. हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने से जो क्रांतिकारी परिवर्तन आया है. उससे जीव विज्ञान के साथ जीवन विज्ञान को भी फायदा मिला है.
सीबीएमआर, लखनऊ के निदेशक प्रो. आलोक धवन ने कहा कि हमारी संस्था, सीएसजेएमयू के साथ मिलकर डिजीज ओरिएंटेड रिसर्च, डिस्कवरीज ऑब्जर्वेशन के साथ-साथ डायग्नोसिस और थेरपी पर मिलकर कार्य करेगी. हम शोधकर्ताओं की शिक्षा और प्रशिक्षण को भी नई दिशा प्रदान करेंगे. यह एमओयू डिजर्टेशन और पीएचडी के क्षेत्र में छात्रों के लिए लाभदायी साबित होगा. इस मौके पर सीबीएमआर से प्रो. नीरज सिन्हा, डीन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश कुमार और वि.वि. से डॉ. रोली शर्मा, प्रो. नंदलाल, डॉ. सोनी गुप्ता, डॉ. रंजना, डॉ. आलोक पांडे और डॉ. अजय की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.
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