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कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरुण की ईटीवी भारत से खास बातचीत

उत्तर प्रदेश के डायल 112 में एडीजी के पद पर तैनात रहे वरिष्ठ आईपीएस असीम अरुण कानपुर के पहले पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं. चार्ज लेने के बाद ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए पुलिस कमिश्नर ने साफ संदेश दिया कि कमिश्नर प्रणाली लागू होने से संगठित अपराध पर सीधी चोट होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बिकरु जैसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रशिक्षित कमांडो का दस्ता तैयार किया जाएगा.

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण
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Published : Mar 27, 2021, 1:14 PM IST

कानपुर : वरिष्ठ आईपीएस असीम अरुण कानपुर के नए पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं. चार्ज लेने के बाद ईटीवी भारत से पुलिस कमिश्नर ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने साफ संदेश दिया कि कमिश्नर प्रणाली लागू होने से संगठित अपराध पर सीधी चोट होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बिकरु जैसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए प्रशिक्षित कमांडो का दस्ता तैयार किया जाएगा. ये कमांडो दुर्दांत अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब स्पॉट पर ही देने में सक्षम होंगे. साथ ही कमिश्नर सिस्टम से जनता की समस्याओं पर अधिकारियों की सीधी पकड़ होगी. उनका कहना था कि अब महानगर में पुलिस की विजिबिलिटी भी बढ़ेगी जिससे अपराधियों में खाकी का इकबाल बढ़ेगा.

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण की ईटीवी से खास बातचीत.

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का जीवन परिचय
1994 बैच के आईपीएस असीम अरुण का जन्म 3 अक्टूबर 1970 को कन्नौज जनपद के गौरनपुरवा गांव में हुआ था. उनके दिवंगत पिता श्रीराम अरुण भी आईपीएस अफसर रहे हैं. मां शशि अरुण लेखिका और समाजसेविका हैं. पत्नी ज्योत्सना अरुण अधिवक्ता के साथ रेडियो जॉकी हैं. इनकी शुरुआती शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कान्वेंट स्कूल से हुई, जिसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से स्नातक करने के बाद पीजी डिग्री कनाडा से हासिल की.
बहादुरी के रहे हैं चर्चे
एटीएस में तैनाती के दौरान उनके नेतृत्व में 2017 में लखनऊ में छिपे आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था. देश में पहली स्वाट टीम का गठन करने का श्रेय भी उनको ही जाता है. असीम अरुण को वीरता पुरस्कार के साथ विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के साथ कई अन्य पदकों से नवाजा जा चुका है.


इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला : 28 मार्च से लगेगा नाइट कर्फ्यू

इन-इन विभागों में रह चुकी है तैनाती

आईपीएस बनने के बाद असीम अरुण टिहरी-गढ़वाल, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, हाथरस, आगरा, गोरखपुर में बतौर एसपी और डीआईजी के पद पर तैनात रह चुके हैं. स्टडी लीव पर विदेश भी गए थे. एटीएस में बतौर आईजी तीन साल की तैनाती के दौरान आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में अहम भूमिका का निर्वहन कर चुके हैं. डायल 112 में एडीजी रहने के बाद अब कानपुर के पुलिस कमिश्नर के पद पर पर नवीनतम तैनाती हुई है.

कानपुर : वरिष्ठ आईपीएस असीम अरुण कानपुर के नए पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं. चार्ज लेने के बाद ईटीवी भारत से पुलिस कमिश्नर ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने साफ संदेश दिया कि कमिश्नर प्रणाली लागू होने से संगठित अपराध पर सीधी चोट होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बिकरु जैसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए प्रशिक्षित कमांडो का दस्ता तैयार किया जाएगा. ये कमांडो दुर्दांत अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब स्पॉट पर ही देने में सक्षम होंगे. साथ ही कमिश्नर सिस्टम से जनता की समस्याओं पर अधिकारियों की सीधी पकड़ होगी. उनका कहना था कि अब महानगर में पुलिस की विजिबिलिटी भी बढ़ेगी जिससे अपराधियों में खाकी का इकबाल बढ़ेगा.

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण की ईटीवी से खास बातचीत.

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का जीवन परिचय
1994 बैच के आईपीएस असीम अरुण का जन्म 3 अक्टूबर 1970 को कन्नौज जनपद के गौरनपुरवा गांव में हुआ था. उनके दिवंगत पिता श्रीराम अरुण भी आईपीएस अफसर रहे हैं. मां शशि अरुण लेखिका और समाजसेविका हैं. पत्नी ज्योत्सना अरुण अधिवक्ता के साथ रेडियो जॉकी हैं. इनकी शुरुआती शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कान्वेंट स्कूल से हुई, जिसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से स्नातक करने के बाद पीजी डिग्री कनाडा से हासिल की.
बहादुरी के रहे हैं चर्चे
एटीएस में तैनाती के दौरान उनके नेतृत्व में 2017 में लखनऊ में छिपे आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था. देश में पहली स्वाट टीम का गठन करने का श्रेय भी उनको ही जाता है. असीम अरुण को वीरता पुरस्कार के साथ विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के साथ कई अन्य पदकों से नवाजा जा चुका है.


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इन-इन विभागों में रह चुकी है तैनाती

आईपीएस बनने के बाद असीम अरुण टिहरी-गढ़वाल, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, हाथरस, आगरा, गोरखपुर में बतौर एसपी और डीआईजी के पद पर तैनात रह चुके हैं. स्टडी लीव पर विदेश भी गए थे. एटीएस में बतौर आईजी तीन साल की तैनाती के दौरान आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में अहम भूमिका का निर्वहन कर चुके हैं. डायल 112 में एडीजी रहने के बाद अब कानपुर के पुलिस कमिश्नर के पद पर पर नवीनतम तैनाती हुई है.

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