कानपुर: पूरी दुनिया में कानपुर को औद्योगिक नगरी के तौर पर जाना जाता है. शहर के औद्योगिक क्षेत्रों में जो उत्पाद तैयार होते हैं, वह विदेशों में खूब पसंद किए जाते हैं. यहां की उद्यमिता को बढ़ावा मिल सके और निर्यातकों के कारोबार का विस्तार हो सके, इस मकसद से जल्द ही अब डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब बनेगा. इस हब का स्वरूप कैसा होगा, इसके लिए तीसरी व अंतिम बैठक 14 मार्च को होगी. जिला प्रशासन व उद्योग विभाग की ओर से होने वाली इस अहम बैठक को एक्सपोर्ट मीट का नाम दिया गया है और इस मीट यानी सम्मेलन में एमएसएमई मंत्री शहर के प्रमुख उद्यमियों संग संवाद करेंगे.
50 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत: उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि कानपुर में पहली बार बनने वाले डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब के लिए केंद्र सरकार से 50 करोड़ रुपये का बजट चुना गया. पीएम मोदी ने कई माह पहले यह घोषणा कर दी थी कि देश के चुनिंदा शहरों में निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वहां डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब बनाए जाएं. इसी दिशा में कवायद करते हुए कानपुर को देश के 10 और प्रदेश के छह चयनित शहरों में शामिल किया गया. उन्होंने बताया कि जुलाई 2022 से इसके लिए कवायद शुरू की जा चुकी है. दो बैठकें हो भी चुकी हैं, तीसरी व अंतिम बैठक 14 मार्च को होगी. पहले चरण में कानपुर के अंदर चमड़ा, प्लास्टिक, होजरी व इंजीनियरिंग उत्पादों पर काम होगा. इनके निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे.
दो गुना करना है निर्यात कारोबार: उद्योग विभाग के अफसरों ने बताया कि जब डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब बन जाएगा तो आगामी दो से तीन सालों का यह लक्ष्य तय किया गया है कि निर्यात कारोबार को दो गुना तक करना है. यानी, साल 2021-22 में जो करीब 9500 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार हुआ, उसे 19 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाना है.
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