कानपुर: जिले के चकत्तापुरवा व पातिन निबादा गांव अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं, हालात यह है कि स्थानीय लोग गंदे पानी के जलभराव और बजबजाती नालियों के बीच जीने को मजबूर हैं. वहीं गांव में डेंगू एवं संक्रमित बुखार का कहर भी लगातार जारी है. जिससे क्षेत्र में कई मौतें भी हो चुकी हैं. वहीं इसी के खिलाफ महिलाओं ने प्रशासन के खिलाफ सिर मुंडवाकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
गांव में लगा गंदगी का अंबार
जिले के कई गांवों में डेंगू एवं संक्रमित बुखार का कहर जारी है. जिससे कई लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं. दूसरी तरफ ग्राम सभा के चकत्तापुरवा व पातिन निबादा में जिम्मेदार अफसर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते दिख रहे हैं. वहीं गांव में जल भराव संक्रमण को दावत दे रहा है. ऐसे में बदहाली की जिंदगी जी रहे यह ग्रामीण कई बार ग्राम प्रधान ग्राम सचिव और तहसील के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन इनकी आवाज सुनने वाला कोई है. वहीं स्थानीय निवासी पीड़ित परवीन निशा का आरोप है कि तहसील समाधान दिवस से पूर्व प्रधान व ग्राम सचिव ने उसके घर जाकर डराया धमकाया. शिकायत करने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी.
पढ़ें: NGT ने प्रदेश सरकार पर लगाया 10 करोड़ रुपये का जुर्माना
गांव की परवीन निशा कुछ महिलाओं के साथ तहसील दिवस में आई थी, जहां उन्होंने गांव में गंदगी और विकास को लेकर शिकायत की थी. मामले की जांच की जाएगी.
लक्ष्मी वैश्य, एसडीएम