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कानपुर: आनंदेश्वर धाम में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, जानिए क्यों पड़ा ये नाम

यूपी के कानपुर में स्थित परमट मंदिर में आनंदेश्वर बाबा के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु इक्ट्ठा हुए हैं. भक्तों की मानें तो आन्देश्वर बाबा के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

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आनंदेश्वर धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़.
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Published : Feb 21, 2020, 2:02 PM IST

कानपुर: महाशिवरात्रि के दिन गंगा किनारे परमट मंदिर में आनंदेश्वर बाबा के दर्शन करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. भक्तों की मानें तो उनका कहना है कि आन्देश्वर बाबा का दर्शन जो कोई भी एक बार कर लेता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

आनंदेश्वर धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़.
जानिए क्यों पड़ा बाबा शिव धाम का नाम आनंदेश्वर धाम
लोगों की मानें तो वहां एक आनंदी नाम की गाय हुआ करती थी, जो जब भी गंगा किनारे पहुंचती थी तो एक नियत स्थान पर उसके थनों से दूध निकलने लगता था. जिज्ञासावश जब ग्रामीणों ने वहां खुदाई कराई तो वहां पर बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग निकला तब से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी. उसके बाद से इस मंदिर का नाम आनंदेश्वर धाम पड़ गया.

दर्शन करने से बरसती है महादेव की कृपा
यहां के भक्तों का कहना है कि इस पावन दिन पर आनंदेश्वर बाबा सभी भक्तों को आनंद पहुंचाते हैं. लोगों का कहना है कि जितनी भीड़ आनंदेश्वर बाबा धाम में होती है, उतनी शायद ही जिले के किसी और ज्योर्तिलिंग मंदिर में होती होगी.


महाशिवरात्रि के दिन जिले में पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे और बैरियर लगाकर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. जिले में देर रात से हो रही बरसात भी भक्तों को मंदिर आने से नहीं रोक पाई. देर रात से मंदिर में भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है.

मंदिर के पुजारी रामकृष्ण ने बताया कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. पार्थिव शिवलिंग का पूजन करने से दरिद्रता दूर होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है. पूजन और जलाभिषेक के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल मिलाकर बनाए गए पंच अमृत से भगवान का अभिषेक किए जाने पर देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं.

पढ़ें- कानपुर: डॉक्टर के बेटे ने खुद को लगाई आग, हालत गंभीर

कानपुर: महाशिवरात्रि के दिन गंगा किनारे परमट मंदिर में आनंदेश्वर बाबा के दर्शन करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. भक्तों की मानें तो उनका कहना है कि आन्देश्वर बाबा का दर्शन जो कोई भी एक बार कर लेता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

आनंदेश्वर धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़.
जानिए क्यों पड़ा बाबा शिव धाम का नाम आनंदेश्वर धाम
लोगों की मानें तो वहां एक आनंदी नाम की गाय हुआ करती थी, जो जब भी गंगा किनारे पहुंचती थी तो एक नियत स्थान पर उसके थनों से दूध निकलने लगता था. जिज्ञासावश जब ग्रामीणों ने वहां खुदाई कराई तो वहां पर बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग निकला तब से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी. उसके बाद से इस मंदिर का नाम आनंदेश्वर धाम पड़ गया.

दर्शन करने से बरसती है महादेव की कृपा
यहां के भक्तों का कहना है कि इस पावन दिन पर आनंदेश्वर बाबा सभी भक्तों को आनंद पहुंचाते हैं. लोगों का कहना है कि जितनी भीड़ आनंदेश्वर बाबा धाम में होती है, उतनी शायद ही जिले के किसी और ज्योर्तिलिंग मंदिर में होती होगी.


महाशिवरात्रि के दिन जिले में पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे और बैरियर लगाकर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. जिले में देर रात से हो रही बरसात भी भक्तों को मंदिर आने से नहीं रोक पाई. देर रात से मंदिर में भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है.

मंदिर के पुजारी रामकृष्ण ने बताया कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. पार्थिव शिवलिंग का पूजन करने से दरिद्रता दूर होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है. पूजन और जलाभिषेक के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल मिलाकर बनाए गए पंच अमृत से भगवान का अभिषेक किए जाने पर देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं.

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