कानपुर: शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2023) के पहले दिन शहर में आस्था ही आस्था नजर आई. कानपुर महानगर के साउथ क्षेत्र के जूही स्थित बारादेवी मंदिर (Baradevi Temple in Kanpur ) में भोर से ही भक्त मातारानी के दर्शन को उमड़ पड़े. यहां भोर से ही पूजन-अर्चन का सिलसिला शुरू हो गया जो रात को मंदिर के पट बंद होने तक चला. इस दौरान यहां मेले में भी भक्तों ने जमकर खरीदारी की.
आपको बता दें कि इस मंदिर में हर नवरात्र में लाखों की संख्या में भक्त मातारानी के दर्शन को पहुंचते हैं. इस क्षेत्र की पहचान ही माता बारादेवी के नाम से है. मान्यता है कि नवरात्रि के अवसर पर जो भी बारादेवी मां के दर्शन करता है और मां के मंदिर परिसर पर चुनरी बांधकर मनोकामना मांगता है उसकी मां मनोकामना पूर्ण करती है. मंदिर की मूर्ति लगभग 15 से 17 सौ वर्ष पुरानी बताई जाती है.
पुजारियों के मुताबिक एक बार पिता से हुई अनबन पर गुस्से से बचने के लिए घर से एक साथ 12 बहनें भाग गईं और सभी बहनें मूर्ति बनकर यहां स्थापित हो गई. इन बहनों के श्राप से उनके पिता भी पत्थर की मूर्ति बन गए. तबसे इन्हें माता 12 देवी के नाम से जाना जाता है. यह भी मान्यता है कि हर साल चावल के एक टुकड़े के बराबर मंदिर की लंबाई बढ़ती है. कोई अगर सच्चे मन से कामना करता है तो मां उसकी मुराद जरूर पूरी करती हैं.
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