कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लगातार एडवाइजरी जारी कर रहे हैं. रबी की फसलें कट रही है खेतों में प्याज की फसल भी तैयार है. ऐसे में उनकी गुणवत्ता कम ना हो इसके लिए किसी कृषि विशेषज्ञ किसानों को मोबाइल से जानकारी दे रहे हैं. विश्वविद्यालय से संबंधित शाक भाजी अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर राजीव के मुताबिक औषधि गुणों की दृष्टि से प्याज काफी लाभकारी है.
प्रोफेसर ने जारी की एडवाइजरी
सीएसए के कुलपति डॉ. डीआर सिंह के निर्देश पर शुक्रवार सब्जी अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राजीव द्वारा किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि यूपी के मध्य मैदानी भागों में रबी, प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है.
प्याज की फसल से आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
वर्तमान समय में प्याज की फसल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी, लेकिन यह तभी संभव होगा कि जब प्याज की खुदाई उपरांत तकनीकी तथा भंडारण आदि क्रियाएं वैज्ञानिक तरीके से की जाए.
प्याज में कंद होने से बनी रहती है गुणवत्ता
प्याज की फसल लगभग 50 फीसदी पौधों का ऊपरी भाग झुक जाने तथा पत्तियां पीली पड़ जाने के 1 सप्ताह बाद खुदाई करनी चाहिए. वर्तमान समय में क्षेत्र की अधिकांश फसल लगभग पक कर तैयार है.
- कटाई उपरांत प्रबंधन में प्याज की फसल में क्यूरी का विशेष महत्व है.
- इसके द्वारा भंडारण में प्याज शल्क कंदो की गुणवत्ता बनाए रखने में भी मदद मिलती है.
- प्याज कंंदो पर ढाई से 3 सेंटीमीटर छोड़कर ऊपर से सूखी पत्तियों को हटा देना चाहिए.
- प्याज की पैकिंग के लिए जालीदार प्लास्टिक के बोरा का प्रयोग किया जाता है.
- बोरे के प्रयोग से हवा का पर्याप्त मात्रा में आवागमन रहता है.
भंडार गृह में बढ़ने न दे तापमान
प्याज भंडारण का तापमान एवं आद्रता कंंदो में वजन में कमी, कंदो का अंकुर निकलना, सड़न गुणवत्ता को प्रभावित करता है. भंडार ग्रह के अंदर तापमान को बढ़ने से रोकने के लिए छत में उपयुक्त सामग्री और टाइल्स का प्रयोग किया जाना चाहिए.