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पीएमओ का अधिकारी बनकर करता था ठगी, 100 करोड़ रुपये की संपत्ति आई सामने

फर्जी पीएमओ अधिकारी बनकर लोगों को ठगने वाले महाठग का एसटीएफ ने काला चिट्ठा खोल दिया है. दो दिनों पहले लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने कानपुर स्थित बिठूर में रहने वाले अभिषेक प्रताप सिंह को अरेस्ट किया था. एसटीएफ की जांच में कई आईएएस व आईपीएस अफसरों से ठग के तार जुड़े निकले हैं.

STF investigation of fake PMO officer
STF investigation of fake PMO officer
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 11:37 AM IST

कानपुर: यूपी एसटीएफ ने 21 अगस्त को एक महाठग को गिरफ्तार किया था, जो खुद को पीएमओ अधिकारी बताकर लोगों को धमकाता था. अब एसटीएफ की जांच में आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह (संतोष सिंह) का काला चिट्ठा खुल गया है. अफसरों का दावा है, कि अभिषेक ने लोगों से ठगी करके कानपुर, वाराणसी समेत अन्य शहरों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई है. इतना ही नहीं एसटीएफ की जांच में कई हैरान करने वाली जानकारी सामने आई हैं. अभिषेक के वाट्सएप में चैट्स में कई आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम भी सामने आए हैं.

बता दें कि आरोपी अभिषेक शहर के बिठूर थाना क्षेत्र स्थित पायनियर ग्रींस सिटी के बिल्डर से 20 लाख रुपये ठग लिए थे. इसके बाद शिकायत पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी पीएमओ अधिकारी और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था. अब मामले की जांच में काला चिट्ठे खुलकर सामने आ रहा है. अभियुक्त अभिषेक के संर्पक में होने को लेकर कोई अधिकारी हामी भरने को तैयार नहीं है.

बताया जा रहा है कि अभिषेक प्रताप सिंह के पास कई गनर भी थे. उसने अपनी कार पर पुलिस का लोगो लगा रखा था. पूरी पायनियर ग्रींस सिटी में वह अपना दबदबा बनाकर रखता था. उसके घर पर अक्सर ही लोगों ने तमाम अफसरों को आते-जाते भी देखा था. इस पूरे मामले पर बिठूर थाना प्रभारी अतुल सिंह ने बताया कि अभिषेक प्रताप सिंह के खिलाफ लखनऊ एसटीएफ टीम जांच कर रही है. जिस दिन उसे गिरफ्तार किया गया था. उसी दिन ही वह यहां लाया गया था. अब सारी पूछताछ लखनऊ में ही हो रही है.

बिल्डर से कहा प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहा हूं: महाठग अभिषेक ने पायनियर ग्रींस सिटी में रहने वाले बिल्डर निखिल शर्मा को फोन किया था. अभिषेक ने कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उनका प्रतिनिधि बोल रहा हूं. मुझे 20 लाख रुपये चाहिए, वरना तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई होगी. इस कॉल के बाद निखिल ने 20 लाख रुपये तो भेज दिए थे. शक होने पर बिठूर थाने में पुलिस को जानकारी दे दी थी. फिर, बिठूर पुलिस और एसटीएफ की टीम ने अभिषेक और उसके साथी (चालक) धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया था.

ये भी पढ़ेंः यूपी एसटीएफ ने फर्जी पीएमओ अधिकारी को गिरफ्तार किया

कानपुर: यूपी एसटीएफ ने 21 अगस्त को एक महाठग को गिरफ्तार किया था, जो खुद को पीएमओ अधिकारी बताकर लोगों को धमकाता था. अब एसटीएफ की जांच में आरोपी अभिषेक प्रताप सिंह (संतोष सिंह) का काला चिट्ठा खुल गया है. अफसरों का दावा है, कि अभिषेक ने लोगों से ठगी करके कानपुर, वाराणसी समेत अन्य शहरों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई है. इतना ही नहीं एसटीएफ की जांच में कई हैरान करने वाली जानकारी सामने आई हैं. अभिषेक के वाट्सएप में चैट्स में कई आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम भी सामने आए हैं.

बता दें कि आरोपी अभिषेक शहर के बिठूर थाना क्षेत्र स्थित पायनियर ग्रींस सिटी के बिल्डर से 20 लाख रुपये ठग लिए थे. इसके बाद शिकायत पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी पीएमओ अधिकारी और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया था. अब मामले की जांच में काला चिट्ठे खुलकर सामने आ रहा है. अभियुक्त अभिषेक के संर्पक में होने को लेकर कोई अधिकारी हामी भरने को तैयार नहीं है.

बताया जा रहा है कि अभिषेक प्रताप सिंह के पास कई गनर भी थे. उसने अपनी कार पर पुलिस का लोगो लगा रखा था. पूरी पायनियर ग्रींस सिटी में वह अपना दबदबा बनाकर रखता था. उसके घर पर अक्सर ही लोगों ने तमाम अफसरों को आते-जाते भी देखा था. इस पूरे मामले पर बिठूर थाना प्रभारी अतुल सिंह ने बताया कि अभिषेक प्रताप सिंह के खिलाफ लखनऊ एसटीएफ टीम जांच कर रही है. जिस दिन उसे गिरफ्तार किया गया था. उसी दिन ही वह यहां लाया गया था. अब सारी पूछताछ लखनऊ में ही हो रही है.

बिल्डर से कहा प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहा हूं: महाठग अभिषेक ने पायनियर ग्रींस सिटी में रहने वाले बिल्डर निखिल शर्मा को फोन किया था. अभिषेक ने कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उनका प्रतिनिधि बोल रहा हूं. मुझे 20 लाख रुपये चाहिए, वरना तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई होगी. इस कॉल के बाद निखिल ने 20 लाख रुपये तो भेज दिए थे. शक होने पर बिठूर थाने में पुलिस को जानकारी दे दी थी. फिर, बिठूर पुलिस और एसटीएफ की टीम ने अभिषेक और उसके साथी (चालक) धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया था.

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