कानपुर: आपने दोस्ती से जुड़े कई ऐसे मामले सुने होंगे, जिसमें एक दोस्त बिना अपनी जान की परवाह किए दूसरे दोस्त के लिए अपनी जान तक दे देता है. लेकिन, आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि मंगलवार को सेन पश्चिम पारा पुलिस व सर्विलांस टीम ने करीब 1 साल बाद एक ऐसी घटना का खुलासा किया, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. यहां एक दोस्त ने अपने दूसरे दोस्त की सिर्फ इस वजह से हत्या कर दी. क्योंकि, उसने उससे अपने उधार दिए हुए 50 हजार रुपये वापस मांग लिए. वहीं, पुलिस ने इस घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि 15 नवंबर 2022 को बिधनू थाना क्षेत्र के कम्हऊपुर गांव के पास बने एक तालाब के पास से बब्बू सिंह के खेत से पुलिस को एक अज्ञात शव बरामद हुआ था. इसके बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना बिधनू में मुकदमा दर्ज कर लिया था और शव की शिनाख्त शुरू कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में काफी समय के बाद शव की शिनाख्त दिलीप चौरसिया पुत्र बिंद्रा प्रसाद चौरसिया निवासी अतर्रा रोड थाना बबेरू जनपद बांदा के रूप में की. वहीं, मंगलवार को सेन पश्चिम पारा पुलिस व सर्विलांस टीम ने दिलीप की हत्या करने वाले दो आरोपियों शिव शंकर सविता और सुशील सविता को गिरफ्तार कर लिया. दोनों बांदा जिले के ही रहने वाले हैं.
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि मृतक दिलीप चौरसिया और शिवशंकर सविता काफी अच्छे दोस्त थे. आरोपी शिवशंकर सविता ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी नाई की दुकान खोलने के लिए दिलीप चौरसिया से 50 हजार रुपये उधार लिए थे. शिवशंकर सविता द्वारा खोली गई नाई की दुकान जब अच्छी खासी चलने लगी थी तो कुछ माह के बाद दिलीप चौरसिया ने अपने दिए गए पैसों को उससे वापस मांगे. पैसे वापस मांगने पर दोनों के बीच विवाद होने लगा.
आरोपी शिवशंकर सविता ने इस रोज-रोज के वाद-विवाद से निपटारा पाने के लिए अपने साथी सुशील सविता के साथ मिलकर उसकी हत्या करने की योजना बनाई. सुशील सविता शिवशंकर का ममेरा भाई है. दोनों आरोपी अपनी योजना के अनुसार, दिलीप चौरसिया को घूमने चलने के बहाने से बाइक से कानपुर ले आए. इसके बाद कम्हऊपुर गांव के नजदीक बने तालाब के किनारे बब्बू के खेत के पास दिलीप चौरसिया को खूब शराब पिलाई और खुद भी दोनों ने शराब पी. इसके बाद चापड़ से दिलीप की गर्दन और सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी. फिर अपने घर बांदा भाग गए थे.
इस पूरे मामले में एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि सेन पश्चिम पारा पुलिस व सर्विलेंस टीम ने 1 साल बाद घटना का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों का अभी कोई अपराधी इतिहास सामने नहीं आया है. उन्होंने बताया कि पुलिस आयुक्त द्वारा घटना का खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की गई है.
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