कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां दिनदहाड़े दबंग मकान में कब्जा करने आते हैं और नौबस्ता थाना अध्यक्ष सीयूजी नंबर तक नहीं उठाते हैं. दबंगों से बचने के लिए पीड़ित परिवार नौबस्ता सीयूजी नंबर पर बार-बार फोन मिला रहा है. लेकिन पीड़ित का फोन उठाने के लिए थाने में कोई मौजूद नहीं है. वीडियो में दबंग चेहरे पर नकाब लगाकर हाथों में डंडे लेकर घर में घुसकर मनमानी कर रहे हैं. पीड़ित महिलाओं ने पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया है.
पूरा मामला कानपुर महानगर के साउथ में स्थित नौबस्ता थाना क्षेत्र का है. जहां नौबस्ता थाना क्षेत्र में स्थित वाई- ब्लॉक के 128/245 मकान में आलोक मल्होत्रा और आरती मल्होत्रा रहते हैं. दोनों की शादी 2021 में हुई थी. आरती मल्होत्रा मिर्जापुर की रहने वाली हैं. जबकि आलोक कानपुर के ही रहने वाले हैं. इन दोनों की शादी के बाद इनकी दो बेटियां और एक बेटा है. पूरा परिवार एक साथ मकान में ही रह रहा था. इसी दौरान 2015 में आलोक ने अपनी बहनों के साथ मिलकर अपना यह मकान एक बिल्डर मनोज कुमार अग्रवाल से बेच दिया. मकान बेचने के बाद आलोक परिवार छोड़कर सीतापुर चला गया.
आरती मल्होत्रा के रिश्तेदार राजन ने पुलिस को बताया कि बुधवार शाम की 4 बजे पंडित राजीव मिश्रा और विकास कुमार गुप्ता के साथ 20 से 25 दबंग लोग अचानक उस मकान में घुस गए. जिसमें कुछ महिलाएं भी शामिल थी. इस दौरान नकाब पहने दबंगों ने घर का सामान इधर-उधर फेंकने लगे. विरोध करने पर दबंगों ने गाली गलौज करते हुए महिलाओं और बच्चियों के साथ मारपीट शुरू कर दी. जबकि पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है. डर से घर मे कैद बच्चियां नौबस्ता थाना इंचार्ज को फोन करती रही. लेकिन उस तरफ से किसी ने फोन भी नहीं उठाया.
नौबस्ता एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि एक मकान को लेकर विवाद चल रहा था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो हुआ है. जांच में सामने आया है कि यह मकान बिल्डर मनोज कुमार अग्रवाल द्वारा खरीदा गया था. मकान को बिल्डर द्वारा खाली कराया जा रहा था. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. मकान को खाली कराने में पुलिस की कोई भूमिका नहीं थी. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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