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कोरोना माहमारी के कारण मकनपुर मेले पर रोक, तहसीलदार ने की चादर पोशी की रस्म अदायगी

कानपुर के मकनपुर में लगने वाले मेले पर कोरोना माहमारी के चलते प्रशासन ने रोक लगा दी है. इसके चलते चादर पोशी की रस्म अदायगी तहसीलदार ने की.

मकनपुर मेला
मकनपुर मेला
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Published : Jan 31, 2022, 6:49 AM IST

कानपुर: बिल्हौर के ऐतिहासिक कस्बा मकनपुर में मशहूर सूफी हजरत बदीउद्दीन जिदा शाह मदार की दरगाह है. मकनपुर में भारत के दो मशहूर मेलों का आयोजन होता है. उर्स के मौके पर लाखों की संख्या में लोग देश-विदेश से पहुंचते हैं. इस बार उर्स का आयोजन होना था, लेकिन कोविड महामारी के चलते दरगाह इंतजामिया कमेटी ने उर्स में आने वाले जायरीनों से मकनपुर न आने की अपील की है.

बिल्हौर के ऐतिहासिक कस्बा मकनपुर में मशहूर सूफी हजरत बदीउद्दीन जिदा शाह मदार की दरगाह को विश्व में अमन और भाईचारे की संस्था के तौर पर जाना जाता है. 242 हिजरी में सीरिया के हलब शहर में जन्मे हजरत मदार बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग दिखाई देते थे. आगे चलकर हजरत मदार अपनी रूहानी जिंदगी के चलते एक सूफी के तौर पर सामने आए. इनके संदेश आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में रविवार को कोरोना से 3 लोगों की हुई मौत, 1,385 नए केस मिले...

इस वर्ष लगने वाला मेला कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने स्थगित कर दिया. इसके चलते आज डीएम कानपुर के न आने के कारण चादरपोशी की रस्म को तहसीलदार बिल्हौर लक्ष्मी नारायण वाजपेयी ने अदा की. इस मौके पर ग्राम प्रधान मजाहिर हुसैन ने तहसीलदार बिल्हौर को परम्परागत पगड़ी बांधकर चादर पोशी की रस्म को अदा कराया.

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कानपुर: बिल्हौर के ऐतिहासिक कस्बा मकनपुर में मशहूर सूफी हजरत बदीउद्दीन जिदा शाह मदार की दरगाह है. मकनपुर में भारत के दो मशहूर मेलों का आयोजन होता है. उर्स के मौके पर लाखों की संख्या में लोग देश-विदेश से पहुंचते हैं. इस बार उर्स का आयोजन होना था, लेकिन कोविड महामारी के चलते दरगाह इंतजामिया कमेटी ने उर्स में आने वाले जायरीनों से मकनपुर न आने की अपील की है.

बिल्हौर के ऐतिहासिक कस्बा मकनपुर में मशहूर सूफी हजरत बदीउद्दीन जिदा शाह मदार की दरगाह को विश्व में अमन और भाईचारे की संस्था के तौर पर जाना जाता है. 242 हिजरी में सीरिया के हलब शहर में जन्मे हजरत मदार बचपन से ही दूसरे बच्चों से अलग दिखाई देते थे. आगे चलकर हजरत मदार अपनी रूहानी जिंदगी के चलते एक सूफी के तौर पर सामने आए. इनके संदेश आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं.

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इस वर्ष लगने वाला मेला कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने स्थगित कर दिया. इसके चलते आज डीएम कानपुर के न आने के कारण चादरपोशी की रस्म को तहसीलदार बिल्हौर लक्ष्मी नारायण वाजपेयी ने अदा की. इस मौके पर ग्राम प्रधान मजाहिर हुसैन ने तहसीलदार बिल्हौर को परम्परागत पगड़ी बांधकर चादर पोशी की रस्म को अदा कराया.

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