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Convocation In Kanpur University: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोलीं- बच्चे जो चंदा मामा देखते थे, अब वहां हमारे भांजे पहुंच गए

कानपुर में आज छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University Kanpur) में दीक्षांत समारोह (Convocation In Kanpur University) का आयोजन हुआ. इस समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) भी शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का डंका देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बज रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 28, 2023, 8:46 PM IST

कानपुर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

कानपुर: बच्चे छोटी सी उम्र में जिस चंदा मामा को दूर से देखते थे, आज उसी चन्द्रमा पर भांजे की तरह हमारे वैज्ञानिक पहुंच गए. गुरुवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित 38वें दीक्षांत समारोह में यह बात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही. चंद्रयान-3 की थीम पर आयोजित इस समारोह में उक्त बात को उन्होंने चन्द्रयान-3 की सफलता से जोड़ा. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में चन्द्रयान-3 की सफलता में जहां उप्र के तमाम पूर्व छात्रों का अहम योगदान रहा. वहीं, इसरो जैसे प्रमुख संस्थान में लख़नऊ विश्वविद्यालय के कई पूर्व छात्र काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं प्रदेश के छात्रों के हुनर का डंका तो पूरे विश्व में बज रहा है.

विश्वविद्यालय के रानी लक्ष्मी बाई प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हनी बी नेटवर्क के संस्थापक और आईआईएम अहमदाबाद के विजिटिंग फैकल्टी पद्मश्री प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता मौजूद रहे. विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी व आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रो. मणींद्र अग्रवाल उपस्थित रहे. समारोह में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की. सभागार में इस आयोजन का शुभारम्भ राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने जल भरो कार्यक्रम से किया. कार्यक्रम में प्रो. मणींद्र अग्रवाल (आईआईटी कानपुर) को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई.

समारोह में चंद्रयान-3 में सीएसजेएमयू के 4 पूर्व छात्रों अतुल, प्रियंका मिश्रा, प्रवेश माथुर और प्रियंका यादव को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम के दौरान नेपाल संस्कृति विश्वविद्यालय, बेलझुंडी, दाड, नेपाल व आईआईटी कानपुर के मध्य एमओयू भी किया गया. समारोह में चंद्रयान-3 की सफलता में प्रदेश के वैज्ञानिकों की प्रतिभा को दर्शाती किताब 'चांद के पार-यूपी के होनहार' का विमोचन भी हुआ.

कार्यक्रम में राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 10 नवीनीकृत भवनों का ऑडिटोरियम में लोकार्पण किया. साथ ही डिजिलॉकर में एक साथ सभी डिग्री अपलोड कर देश भर में अव्वल रहने पर विश्वविद्यालय की प्रशंसा भी की. उन्होने विश्वविद्यालय में किए जा रहे अकादमिक कार्यों, उपलब्धियों पर प्रशंसा जताते हुए कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रशंसा भी की. इस मौके पर महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री प्रतिभा शुक्ला, महापौर प्रमिला पांडेय, प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, कार्य परिषद, अकादमिक परिषय के सदस्य आदि मौजूद रहे.

मेडल पाकर छात्र-छात्राओं खिले चेहरे

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 55 छात्र-छात्राओं को कुल 98 मेडल से सम्मानित किया. सर्वाधिक श्वेता साहू ने पांच मेडल हासिल किए. समारोह में 41 छात्राओं और 14 छात्रों को पदक से सम्मानित किया गया. साथ ही 23 छात्रों को पीएचडी की डिग्री भी प्रदान की गई.

जिद होगी तो सफलता निश्चित : प्रो. अनिल कुमार गुप्ता

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि शिक्षा और संवेदना के बीच गहरा संबंध है. आप यह समझ लीजिए कि उत्कृष्टता एक सीमित दायरे में नहीं है. छात्र-छात्राओं में ताकत है, जिससे वह दक्ष बन सके. विचार और वस्तु में भी संबंध है. वस्तुओं की संख्या कम करें, जिससे विचार ज्यादा आ सकें. वस्तुएं जितनी कम होंगी, विचार के लिए उतना ही अनुकूल अवसर रहेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर सभी बहनें बैठी हैं, वे उनके साथ सभी से यह कहना चाहेंगे कि किसी भी कार्य के लिए जिद होनी जरूरी है. जिद को जुनून में पैदा करिए, वही सफलता का आधार बन जाएगी.

संस्कारयुक्त शिक्षा हमारी पहचान : मंत्री योगेंद्र उपाध्याय

समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने स्वामी विवेकानंद से जुड़ी शिक्षा और संस्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा ही हमारी पहचान है. उन्होने कहा कि शिक्षा तो हर कोई प्राप्त कर सकता है. लेकिन, संस्कार नहीं. शिक्षा का मूल ही संस्कार है. इसका उद्देश्य समाज और देश के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.

यह भी पढ़ें: IIT-BHU, काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह की तारीखें घोषित

कानपुर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

कानपुर: बच्चे छोटी सी उम्र में जिस चंदा मामा को दूर से देखते थे, आज उसी चन्द्रमा पर भांजे की तरह हमारे वैज्ञानिक पहुंच गए. गुरुवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित 38वें दीक्षांत समारोह में यह बात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही. चंद्रयान-3 की थीम पर आयोजित इस समारोह में उक्त बात को उन्होंने चन्द्रयान-3 की सफलता से जोड़ा. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में चन्द्रयान-3 की सफलता में जहां उप्र के तमाम पूर्व छात्रों का अहम योगदान रहा. वहीं, इसरो जैसे प्रमुख संस्थान में लख़नऊ विश्वविद्यालय के कई पूर्व छात्र काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं प्रदेश के छात्रों के हुनर का डंका तो पूरे विश्व में बज रहा है.

विश्वविद्यालय के रानी लक्ष्मी बाई प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हनी बी नेटवर्क के संस्थापक और आईआईएम अहमदाबाद के विजिटिंग फैकल्टी पद्मश्री प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता मौजूद रहे. विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी व आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रो. मणींद्र अग्रवाल उपस्थित रहे. समारोह में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की. सभागार में इस आयोजन का शुभारम्भ राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने जल भरो कार्यक्रम से किया. कार्यक्रम में प्रो. मणींद्र अग्रवाल (आईआईटी कानपुर) को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई.

समारोह में चंद्रयान-3 में सीएसजेएमयू के 4 पूर्व छात्रों अतुल, प्रियंका मिश्रा, प्रवेश माथुर और प्रियंका यादव को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम के दौरान नेपाल संस्कृति विश्वविद्यालय, बेलझुंडी, दाड, नेपाल व आईआईटी कानपुर के मध्य एमओयू भी किया गया. समारोह में चंद्रयान-3 की सफलता में प्रदेश के वैज्ञानिकों की प्रतिभा को दर्शाती किताब 'चांद के पार-यूपी के होनहार' का विमोचन भी हुआ.

कार्यक्रम में राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 10 नवीनीकृत भवनों का ऑडिटोरियम में लोकार्पण किया. साथ ही डिजिलॉकर में एक साथ सभी डिग्री अपलोड कर देश भर में अव्वल रहने पर विश्वविद्यालय की प्रशंसा भी की. उन्होने विश्वविद्यालय में किए जा रहे अकादमिक कार्यों, उपलब्धियों पर प्रशंसा जताते हुए कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रशंसा भी की. इस मौके पर महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री प्रतिभा शुक्ला, महापौर प्रमिला पांडेय, प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, कार्य परिषद, अकादमिक परिषय के सदस्य आदि मौजूद रहे.

मेडल पाकर छात्र-छात्राओं खिले चेहरे

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 55 छात्र-छात्राओं को कुल 98 मेडल से सम्मानित किया. सर्वाधिक श्वेता साहू ने पांच मेडल हासिल किए. समारोह में 41 छात्राओं और 14 छात्रों को पदक से सम्मानित किया गया. साथ ही 23 छात्रों को पीएचडी की डिग्री भी प्रदान की गई.

जिद होगी तो सफलता निश्चित : प्रो. अनिल कुमार गुप्ता

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि शिक्षा और संवेदना के बीच गहरा संबंध है. आप यह समझ लीजिए कि उत्कृष्टता एक सीमित दायरे में नहीं है. छात्र-छात्राओं में ताकत है, जिससे वह दक्ष बन सके. विचार और वस्तु में भी संबंध है. वस्तुओं की संख्या कम करें, जिससे विचार ज्यादा आ सकें. वस्तुएं जितनी कम होंगी, विचार के लिए उतना ही अनुकूल अवसर रहेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर सभी बहनें बैठी हैं, वे उनके साथ सभी से यह कहना चाहेंगे कि किसी भी कार्य के लिए जिद होनी जरूरी है. जिद को जुनून में पैदा करिए, वही सफलता का आधार बन जाएगी.

संस्कारयुक्त शिक्षा हमारी पहचान : मंत्री योगेंद्र उपाध्याय

समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने स्वामी विवेकानंद से जुड़ी शिक्षा और संस्कार का उदाहरण देते हुए कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा ही हमारी पहचान है. उन्होने कहा कि शिक्षा तो हर कोई प्राप्त कर सकता है. लेकिन, संस्कार नहीं. शिक्षा का मूल ही संस्कार है. इसका उद्देश्य समाज और देश के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.

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