कानपुर: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दबिश से ठीक पहले का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ख़ाकी और विकास दुबे के नेटवर्क का खुलासा हो रहा है. दरअसल, शहीद CO देवेंद्र मिश्र ने दबिश से पहले एसपी देहात ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव को फोन किया था, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में CO देवेंद्र मिश्र ने एसओ विनय तिवारी और तत्कालीन एसएसपी अनंत देव पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे हैं.
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र और एसपी देहात बृजेश कुमार श्रीवास्तव का वायरल ऑडियो
चौबेपुर सीओ विनय तिवारी ने दबिश से पहले शहीद CO देवेंद्र मिश्र को कॉल कर साथ चलने के लिए दबाव बनाया था. इस बात की जानकारी शहीद सीओ ने एसपी देहात बृजेश कुमार श्रीवास्तव को दी. शहीद सीओ ने एसपी देहात से कहा कि एसओ विनय तिवारी विकास दुबे के पैर छूता है. दबिश की सूचना विनय तिवरी ने अब तक विकास दुबे को दे दी होगी. शहीद सीओ ने कहा कि विनय तिवारी पहले वाले एसएसपी अनंतदेव तिवारी का लाडला था. वायरल ऑडियो में शहीद देवेंद्र मिश्र ने विनय तिवारी 1.5 लाख रुपये लेकर अपने थाना क्षेत्र में जुआ कराने का भी आरोप लगाया. ऑडियो में शहीद सीओ बोल रहे हैं कि उन्होंने जुआं बन्द कराने को बोला था. अलग थाने की फ़ोर्स को लेकर छापा भी मारा था. जुआं पकड़ा भी, लेकिन एसएसपी को 5 लाख रुपये देकर मामला सेट करा लिया गया. ऑडियो में शहीद सीओ बोल रहे हैं कि इसके बाद विनय तिवारी की सभी जांच खत्म हो गई. शहीद सीओ देवेंद्र वायरल ऑडियो में बोल रहे हैं कि एसओ विनय ने विकास दुबे को अब तक कॉल कर बता दिया होगा कि सीओ दबिश देने आ रहा है, तुम सब अपने घरों से भाग जाओ.
तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच बातचीत का ऑडियो
वहीं एक ओर ऑडियो वायरल हो रहा है. ऑडियो में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच बात हो रही है. ऑडियो में विनय तिवारी कह रहे है कि जादेपुर घस्सा गांव से राहुल तिवारी एपलीकेशन दे रहे हैं विकास दूबे के खिलाफ. इसमें धारा बन रही है 364, 342, 307. इसके बाद शहीद सीओ पूछ रहे हैं कि क्यों उन्होंने अपहरण किया है. इसके बाद विनय तिवारी कह रहे है फॉर्चुनर गाड़ी में ड़ालकर कमरे में बंद कर लिया. इसके बाद बड़ी मुश्किल से भागा. जैसे ही बिकरू मोड़ पर पहुंचा तो विकास दुबे ने घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. इसके बाद शहीद सीओ पूछ रहे हैं कि घटना हुई है कि नहीं. इसके बाद विनय तिवारी बोल रहे हैं कि सर मारपीट तो हुई है. इसके बाद शहीद सीओ ने एसपीआरए को बताने के लिए कहा.
गौरतलब रहे कि विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. विनय तिवारी का लगभग एक साल पहले चंदौली से कानपुर ट्रांसफर हुआ था. पहले वह यहां पर स्वाट टीम में था, जिसके बाद उसको पहला चार्ज चौबेपुर का मिला था.
कानपुर मुठभेड़ में कब क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए बीते 2 जुलाई की रात 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी. इस दौरान विकास की गैंग ने डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक ओर STF को लगा दिया गया और विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीमें लगाई गईं.
4 जुलाईः विकास दुबे को दबिश से पहले सूचना देने के मामले में संदिग्ध चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी से एसटीफ ने पूछताछ की. वहीं कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पूछताछ शुरू की गई.
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास को दबिश से पहले थाने से फोन आया था और उसने अपने साथियों को बुलाकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.
6 जुलाई: पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया था. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.
7 जुलाईः शहीद पुलिस वालों के घरों में जाकर मंत्रियों ने एक करोड़ की धनराशि दी थी. इस दिन STF ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि चौबेपुर थाने के एक दारोगा और एक सिपाही ने दबिश के पहले विकास दुबे से फोन पर बात की थी. निलंबित पुलिसकर्मियों में इन दोनों का नाम शामिल है.
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय समेत कई बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इसी मामले में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए थे.
9 जुलाई: प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय और रणबीर शुक्ला उर्फ बउआ एनकाउंटर में मारे गए. वहीं 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ. इसके बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है.
10 जुलाईः यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर देहात आ रही थी, इसी बीच काफिले की गाड़ी पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे ने मौका देखकर पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी. वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे ढेर हो गया. विकास दुबे की शुक्रवार को कानपुर देहात कोर्ट में पेशी होनी थी.