कानपुर: एक तरफ जहां कानपुर मेट्रो कानपुर वासियों के लिए एक लाइफ लाइन बन कर कर दौड़ेगी तो वहीं दूसरी ओर कानपुर में जल स्तर को बढ़ाने में भी काफी मददगार साबित होगी. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्वावधान में चल रहे कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य शुरू हो गया है. पहले चरण में आईआईटी कानपुर से मोती झील के बीच लगभग 9 किलोमीटर लंबे ट्रैक का निर्माण शुरू कर दिया है.
पहले कॉरिडोर में मेट्रो के 200 स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा. अगर पूरे मेट्रो प्रोजेक्ट की बात की जाए तो लगभग 19.5 किलोमीटर हिस्से में एलिवेटेड ट्रैक रहेगा. इतने लंबे हिस्से में यू गार्डर बिछाई जानी है. 1 यू गार्डर की चौड़ाई 4.1 मीटर होती है और एक साथ मेट्रो के आने-जाने के लिए दो गार्डर बिछाए जाते हैं. जानकारों के मुताबिक, औसत बारिश होने पर 1 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में साल भर में 800 लीटर पानी इकट्ठा किया जा सकता है. इसलिए 158720.8 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 12,69,62,240 लीटर पानी सहेजा जा सकेगा.
कानपुर महानगर में मेट्रो के काम ने अब रफ्तार पकड़ी है. जहां एक तरफ कोरोना काल में काम लगभग 5 महीने प्रभावित रहा, वहीं अब लॉकडाउन खुलने के बाद से मेट्रो के काम में काफी तेजी आई है. लगभग 1 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक बनकर तैयार भी हो गया है और बहुत तेजी के साथ आगे का भी काम जारी है.
कानपुर महानगर में ट्रैफिक की बहुत बड़ी समस्या है जो कहीं ना कहीं मेट्रो के आने के बाद दूर होगी. वहीं अब मेट्रो आमजन के लिए जहां एक तरफ ट्रैफिक की समस्या को खत्म करेगी, वहीं दूसरी ओर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए ग्राउंड वाटर का जलस्तर भी सुधारेगी.