कानपुर : इत्र कारोबारी पीयूष जैन का नाम के घर पर जब जीएसटी महानिदेशालय इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) की टीम ने छापा मारा था तो लगभग दो सौ करोड़ रुपये बरामद हुए थे और अरबों रुपये की कर चोरी पकड़ी गई थी. भले ही कुछ माह पहले पीयूष जैन को कोर्ट से जमानत मिल गई हो, पर गुरुवार को इस मामले में डीजीजीआई के अफसरों ने चार्जशीट फाइल कर दी. जिसमें एक और बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में जांच के दौरान 13 कारोबारियों के नाम बढ़ाए गए हैं, जिनमें अधिकतर कन्नौज के हैं.
कर चोरी में दोषी पाए गए हैं सभी : सभी कारोबारी जांच के दौरान करोड़ों रुपये की कर चोरी में दोषी पाए गए हैं. कोर्ट ने फौरन ही इस मामले का संज्ञान लिया और सभी को समन जारी कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 अक्टूबर को कानपुर के स्पेशल सीजेएम कोर्ट में होगी. वहीं, जिन उद्यमियों के नाम अब शामिल हुए हैं, उनमें कल्पना जैन, विजय लक्ष्मी जैन, अमरीश जैन, महेश चंद्र जैन, दीपक अग्रवाल, शैलेंद्र मित्तल, प्रवीण जैन, रजन जैन, सुनील हिरानी समेत अन्य हैं. सभी नामों की पुष्टि केस के सरकारी अधिवक्ता अमरीश टंडन ने की है.
254 दिनों बाद पीयूष जैन को मिली थी जमानत : सूबे के सबसे चर्चित मामलों में शामिल इत्र कारोबारी पीयूष जैन को 254 दिनों बाद कोर्ट से जमानत मिली थी. जब पीयूष के घर पर नोटों की गड्डियां मिलीं थीं इस मामले को लेकर हल्ला मच गया था. डीजीजीआई की ओर से दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह में इत्र कारोबारी के कानपुर आनंदपुरी स्थित आवास और कन्नौज स्थित फर्म पर छापा मारा गया था. चार से पांच दिनों तक चली छापेमारी की इस कार्रवाई में करीब 200 करोड़ रुपये कैश मिले थे, वहीं 20 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद किया गया था.
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