कानपुर : एनकाउंटर में मारे जा चुके कुख्यात अपराधी विकास दुबे समेत 173 लोगों के शस्त्र लाइसेंस की गायब पत्रावली की जांच अब सीबीसीआइडी करेगी. इन फाइलों में पूर्व मंत्री कमला रानी वरुण का भी नाम शामिल है. हालांकि थाना कोतवाली में प्रशासन की तरफ से पहले से एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. जिसमें पुलिस कार्यवाही करते हुए नवंबर 2019 में आरोपी बाबू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.
बिकरु कांड में बाद खंगाली गई फाइलें
दरअसल 2 जुलाई को बिकरु गांव में विकास दुबे और उसके गुर्गों ने दबिश देने गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर एक डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया गया था. इसके बाद पुलिस को पता चला कि विकास और साथियों के नाम पर भी शस्त्र लाइसेंस हैं. वहीं जब विकास और उसके करीबियों की शस्त्र लाइसेंस की फाइलें खंगाली गईं तो हैरान करने वाली बात पता चली कि फाइल का रिकॉर्ड ही गायब है. इतना ही नहीं, जांच में जब परत दर परत खुली तो पता चला कि 173 लोगों की शस्त्र लाइसेंस की फाइलें गायब हो चुकी हैं.
तत्कालीन असलहा अनुभाग के बाबू पर हुई एफआईआर
असलाह फाइलों के इतने बड़े गड़बड़झाला को लेकर तत्कालीन असलहा अनुभाग के लिपिक विजय रावत बाबू के खिलाफ थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई. साथ ही पुलिस ने मुकदमे में तफ्तीश के बाद कोर्ट में आरोपी बाबू के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी.
सीबीसीआईडी करेगी पड़ताल
क्षेत्राधिकारी कोतवाली सर्किल के बृजेश नारायण सिंह ने बताया कि SIT की संस्तुति के आधार पर शासन के निर्देशों के बाद मद्देनजर गायब शस्त्र लाइसेंस की पत्रावलियों की पड़ताल अब CBCID करेगी. इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों को भी CBCID के हवाले कर दिया जाएगा.