कानपुर: कोलकाता में ड्यूटी के दौरान तस्करों से लोहा लेते समय शहीद हुए थे शैलेन्द्र दुबे का पार्थिव शरीर कल देर रात उनके निवास स्थान पहुंचा था, जहां शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी. यही नहीं हर तरफ उपस्थित आम जनता की आंखे नम थी. शहीद शैलेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार कानपुर के भैरव घाट में किया गया है.
बता दें कि वीरगति को प्राप्त बीएसएफ के जवान शैलेंद्र दुबे को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि दी है, साथ ही योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए के साथ-साथ एक सरकारी नौकरी और एक सड़क शहीद के नाम देने का ऐलान किया. बता दें कि शहीद शैलेंद्र दुबे का पार्थिव शरीर कोलकाता से फ्लाइट के जरिए उनको दिल्ली लाया गया था, वहीं दिल्ली से रास्ते के जरिए उनको कानपुर उनके निवास स्थान पर लाया गया था.
शहीद शैलेंद्र दुबे बीएसएफ(बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की 27 बटालियन के जवान थे, जिनकी पोस्टिंग वेस्ट बंगाल में थी. वही अपनी ड्यूटी के दौरान फर्ज निभाते निभाते शहीद हो गए थे.
शहीद शैलेंद्र दुबे के पिता संतोष दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि कल सुबह 4:30 बजे डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी का फोन आया जिन्होंने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे शैलेंद्र दुबे की ड्यूटी देर रात 12:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक थी. वहीं, वेस्ट बंगाल में पद्मा नदी है जिसमें गस्ती के दौरान नाव से पैर फिसलने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी शैलेन्द्र की बॉडी नहीं मिल पाई है, गोताखोर तलाश में लगे हुए हैं. क्योंकि पद्मा नदी की गहराई 15 से 20 फीट है. वहीं, यह खबर आते ही पूरे घर में कोहराम मच गया. खबर मिलते ही शैलेंद्र दुबे के पिता संतोष दुबे ने अपने बेटे आदेश दुबे और एक रिश्तेदार गुड्डू तिवारी को तुरंत वेस्ट बंगाल के लिए रवाना कर दिया. वहीं, शाम होते-होते लगभग 4:00 बजे फिर से डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण दुबे का फोन आया उन्होंने पीड़ित परिवार को सूचना देते हुए बताया किस शैलेंद्र की बॉडी मिल गई है और पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है.
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वहीं, डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी के फोन आने के बाद शहीद शैलेंद्र दुबे के साथ बटालियन में काम करने वाले उनके कुछ खास दोस्तों का उनके पिता संतोष दुबे के पास फोन आता है, जिसमें उनके दोस्त जानकारी देते हुए बताते हैं की डिप्टी कमांडेंट ने जो भी जानकारी दी है, वह गलत है आप मेरा नाम मत बताना मैं बताता हूं कि आखिर क्या घटना हुई थी. वहीं, शैलेंद्र के दोस्तों ने जानकारी देते हुए बताया कि शैलेंद्र की कुछ लोकल तस्करों से झड़प हुई थी जिसके बाद तस्करों और शैलेंद्र में हाथापाई भी हुई. जिसके बाद तस्करों ने शैलेंद्र को नदी में धक्का दे दिया जिसके चलते शैलेंद्र की मौत हो गई. वहीं शैलेंद्र के पास मौजूद असलाह भी तस्करों ने छीन लिया.
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जिसके बाद शैलेंद्र के पिता संतोष दुबे ने डिप्टी कमांडेंट को फोन किया और उन्होंने डिप्टी कमांडेंट को बताया कि आपने झूठी जानकारी मुझे दी है, मैं इस पूरे मामले को कोर्ट तक ले जाऊंगा. इस पर डिप्टी कमांडेंट विजय भूषण द्विवेदी ने कहा कि मैं जांच करवाता हूं.
वहीं, शहीद शैलेंद्र दुबे के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि देर शाम को बेटे का शव कोलकाता से फ्लाइट के जरिए दिल्ली लाया गया था, जिसके बाद दिल्ली से रोड के जरिए नौबस्ता लाया गया. यहां आज उनका अंतिम संस्कार कानपुर के भैरव घाट में किया गया है.