कानपुर: कुख्यात विकास दुबे के शव का हैलट अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ. यहां काफी ऊहापोह के बाद आखिरकार उसका शव लेने बहनोई दिनेश तिवारी पहुंचे. पहले परिजनों का कहना था कि विकास दुबे के साथ जो हुआ, सही हुआ. हम न उसका शव लेने जाएंगे और न ही उसके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. यह बयान खुद विकास दुबे के पिता रामशंकर ने ही मीडिया से बाचतीत के दौरान दिया था.
एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे के बहनोई को पोस्टमार्टम के बाद उसका शव सौंप दिया गया है. विकास दुबे के शव का अंतिम संस्कार भैरव घाट पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन से किया गया, जहां इस दौरान मौके पर कई थानों की फोर्स मौजूद रही. इससे पहले हैलेट अस्पताल के प्रिंसिपल आरबी कमल ने जानकारी देते हुए बताया था कि विकास दुबे को चार गोलियां लगी थीं. विकास दुबे ब्रॉड डेड जिला अस्पताल लाया गया था.
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के पिता रामशंकर दुबे ने पुलिस की मुठभेड़ को सही बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मारकर सही किया. अगर पुलिस ऐसे तत्वों को बढ़ावा देगी तो कैसे चलेगा. वहीं उन्होंने विकास के अंतिम संस्कार में जाने से भी मना कर दिया.
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गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होेंने बताया कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस के हथियार लेकर भाग रहा था. घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल लेकर भाग रहे विकास दुबे को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया. लेकिन विकास दुबे ने पुलिस की बात नहीं सुनी और पुलिस को मारने के इरादे से फायर करने लगा. इस दौरान पुलिस ने अपनी आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की, जिसमें गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया.