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ऑक्सीजन के साथ अब ऑक्सीमीटर की हो रही कालाबाजारी

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Published : Apr 25, 2021, 10:05 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कोविड-19 से मौत और ऑक्सीजन की किल्लत का दर्द पहले ही बहुत था. अब ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी और भी ज्यादा परेशान कर रही है.

ऑक्सीमीटर
ऑक्सीमीटर

कानपुरः जिले में एक ओर जहां बेकाबू कोविड-19 संक्रमण से लगातार हो रही मौतों से हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं कोविड संक्रमितों के बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य सुविधाओं का भी दम निकल गया है. संक्रमितों का इलाज कर रहे 20 अस्पतालों में बेड की समस्या के साथ ऑक्सीजन की किल्लत ने हालातों को और भी भयावह कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर कुछ मुनाफाखोर इन हालातों में भी मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रख कालाबाजारी में लगे हैं.

ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी

ऑक्सीमीटर के लिए मारामारी
इस समय कोरोना संक्रमितों में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की खपत है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ऑक्सीजन लेवल की निगरानी सबसे अहम है. शरीर में ऑक्सीजन लेवल को मापने के लिए अस्पतालों से लेकर लोग घरों तक में ऑक्सीमीटर का भरपूर उपयोग हो रहा है. ऐसे में रोजाना बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के मद्देनजर मेडिकल स्टोर्स में ना सिर्फ ऑक्सीमीटर की किल्लत हो रही है बल्कि उसकी कालाबाजारी भी की जा रही है.

ब्लैकमार्केटिंग का खेल
मुनाफाखोर ऑक्सीमीटर की बढ़ती मांग को देखते हुए उसकी तय कीमत से तीन गुना कीमत वसूल रहे हैं. कोरोना महामारी के विकराल रूप से पहले 470 से 600 रुपए तक कीमत पर बेचे जाने वाले ऑक्सीमीटर को मेडिकल स्टोर वाले 1600 से 1800 रुपए तक बेच रहे हैं. कानपुर के मेडिकल स्टोर की ब्लैकमार्केटिंग की पोल खोलने की तस्वीरें जब मोबाइल कैमरे में कैद हुईं तो देखने वाले भी सन्न रह गए. पुलिस विभाग के कमिश्नर असीम अरुण का कहना है कि ब्लैकमार्केटिंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कोरोना का कहर
कानपुर जिले में बेकाबू हो चुके कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर में मृत्यु दर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ कानपुर में कोरोना से 1 हजार 60 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना संक्रमितों की संख्या 58 हजार 494 तक पहुंच गई है. इसमें से 17 हजार 224 मरीज अभी भी एक्टिव हैं. ऐसे में रोजाना बढ़ रहे कोरोना के मरीज और ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीमीटर की किल्लत के बीच में मुनाफाखोरी और जमाखोरों ने अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है.

वीडियो से खुली ब्लैकमार्केटिंग की पोल
वीडियो में पहली तस्वीर है फजलगंज इलाके में स्थित मेडिकल स्टोर की यहां मेडिकल स्टोर संचालक बड़ी ही बेरुखे अंदाज से कहते हैं कि ऑक्सीमीटर तो है लेकिन क़ीमत है 2 हजार रुपए है. इस जब ग्राहक रेट वाजिब करने की बात कहता है तो उनका कहना है लेना हो तो लो नहीं तो आगे बढ़ो.
दूसरी तस्वीर है थाना गोविन्द नगर के सोढ़ी मेडिकल स्टोर की यहां का भी हाल पहले से जुदा नहीं है. जब इस मेडिकल स्टोर पर ऑक्सीमीटर का रेट पूछा जाता है तो संचालक कहता है कि कम से कम 1800 रुपए देने पर ही उसको ऑक्सीमीटर मिलेगा.
इसके बाद जब इसी इलाके के तीसरे मेडिकल स्टोर राजेश से जब ऑक्सीमीटर की कीमत के बारे में पूछा जाता है तो तपाक से 1600 रुपए में बेचने की बात कहता है.

इसे भी पढ़ेंः प्रमुख बंदरगाहों को ऑक्सीजन, संबंधित उपकरण लाने वाले जहाजों से सभी शुल्क हटाने का निर्देश


ब्लैक मार्केटिंग पर पुलिस कसेगी शिकंजा
कोरोना महामारी में ऑक्सीमीटर और जरूरी दवाओं की ब्लैकमार्केटिंग के बारे में जब पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से पूछा जाता है तो कहते हैं कि ब्लैकमार्केटिंग करने वालों तत्काल कठोर कार्रवाई करने के पुलिस को निर्देश दिए गए है. साथ ही पुलिस अब लोकल इंटेलीजेंस की मदद से कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसेगी.

कानपुरः जिले में एक ओर जहां बेकाबू कोविड-19 संक्रमण से लगातार हो रही मौतों से हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं कोविड संक्रमितों के बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य सुविधाओं का भी दम निकल गया है. संक्रमितों का इलाज कर रहे 20 अस्पतालों में बेड की समस्या के साथ ऑक्सीजन की किल्लत ने हालातों को और भी भयावह कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर कुछ मुनाफाखोर इन हालातों में भी मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रख कालाबाजारी में लगे हैं.

ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी

ऑक्सीमीटर के लिए मारामारी
इस समय कोरोना संक्रमितों में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की खपत है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ऑक्सीजन लेवल की निगरानी सबसे अहम है. शरीर में ऑक्सीजन लेवल को मापने के लिए अस्पतालों से लेकर लोग घरों तक में ऑक्सीमीटर का भरपूर उपयोग हो रहा है. ऐसे में रोजाना बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के मद्देनजर मेडिकल स्टोर्स में ना सिर्फ ऑक्सीमीटर की किल्लत हो रही है बल्कि उसकी कालाबाजारी भी की जा रही है.

ब्लैकमार्केटिंग का खेल
मुनाफाखोर ऑक्सीमीटर की बढ़ती मांग को देखते हुए उसकी तय कीमत से तीन गुना कीमत वसूल रहे हैं. कोरोना महामारी के विकराल रूप से पहले 470 से 600 रुपए तक कीमत पर बेचे जाने वाले ऑक्सीमीटर को मेडिकल स्टोर वाले 1600 से 1800 रुपए तक बेच रहे हैं. कानपुर के मेडिकल स्टोर की ब्लैकमार्केटिंग की पोल खोलने की तस्वीरें जब मोबाइल कैमरे में कैद हुईं तो देखने वाले भी सन्न रह गए. पुलिस विभाग के कमिश्नर असीम अरुण का कहना है कि ब्लैकमार्केटिंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कोरोना का कहर
कानपुर जिले में बेकाबू हो चुके कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर में मृत्यु दर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ कानपुर में कोरोना से 1 हजार 60 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना संक्रमितों की संख्या 58 हजार 494 तक पहुंच गई है. इसमें से 17 हजार 224 मरीज अभी भी एक्टिव हैं. ऐसे में रोजाना बढ़ रहे कोरोना के मरीज और ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीमीटर की किल्लत के बीच में मुनाफाखोरी और जमाखोरों ने अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है.

वीडियो से खुली ब्लैकमार्केटिंग की पोल
वीडियो में पहली तस्वीर है फजलगंज इलाके में स्थित मेडिकल स्टोर की यहां मेडिकल स्टोर संचालक बड़ी ही बेरुखे अंदाज से कहते हैं कि ऑक्सीमीटर तो है लेकिन क़ीमत है 2 हजार रुपए है. इस जब ग्राहक रेट वाजिब करने की बात कहता है तो उनका कहना है लेना हो तो लो नहीं तो आगे बढ़ो.
दूसरी तस्वीर है थाना गोविन्द नगर के सोढ़ी मेडिकल स्टोर की यहां का भी हाल पहले से जुदा नहीं है. जब इस मेडिकल स्टोर पर ऑक्सीमीटर का रेट पूछा जाता है तो संचालक कहता है कि कम से कम 1800 रुपए देने पर ही उसको ऑक्सीमीटर मिलेगा.
इसके बाद जब इसी इलाके के तीसरे मेडिकल स्टोर राजेश से जब ऑक्सीमीटर की कीमत के बारे में पूछा जाता है तो तपाक से 1600 रुपए में बेचने की बात कहता है.

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ब्लैक मार्केटिंग पर पुलिस कसेगी शिकंजा
कोरोना महामारी में ऑक्सीमीटर और जरूरी दवाओं की ब्लैकमार्केटिंग के बारे में जब पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से पूछा जाता है तो कहते हैं कि ब्लैकमार्केटिंग करने वालों तत्काल कठोर कार्रवाई करने के पुलिस को निर्देश दिए गए है. साथ ही पुलिस अब लोकल इंटेलीजेंस की मदद से कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसेगी.

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