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बिकरु कांडः विकास दुबे के मददगार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए भेजी गई रिपोर्ट

कानपुर जिले में हुए बहुचर्चित बिकरु कांड में जांच के आधार पर दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट शासन स्तर पर भेज दी गई है. इस कांड में मुख्य रूप से आयोग ने पूर्व डीआईजी अनंत देव को भी दोषी पाया है.

बिकरु कांड
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Published : Sep 2, 2021, 4:58 PM IST

कानपुरः बहुचर्चित बिकरु कांड में अब पुलिस कर्मियों पर गाज गिरने के सिलसिला शुरू हो गया है. इस कांड में कई पुलिसकर्मियों जांच के घेरे में आए थे जिसकी जांच एसआईटी और एक न्यायिक कमेटी ने की थी. अब जांच के आधार पर दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर शासन स्तर से कार्रवाई शुरू होगी. इन पुलिसकर्मियों में कानपुर के पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी सहित कई और बड़े पुलिसकर्मी शामिल हैं. इतना ही नहीं इस कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा को भी जांच में दोषी पाया गया है. लेकिन उनके शहीद होने की वजह से उनपर न्यायिक जांच में कोई कार्रवाई की बात नहीं कही गई है. बाकी अन्य अधिकारियों पर आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि 2 जुलाई 2020 की रात को थाना चौबेपुर के बिकरु गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था. जिसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस हत्याकांड से पूरे देश भर में हड़कंप मच गया था. पुलिस पर अपराधियों की इतनी बड़ी घटना उत्तर प्रदेश के इतिहास में दर्ज हो गई थी. इस हत्याकांड के बाद आखिर इतना बड़ा कांड कैसे हो गया, इसकी तफ्तीश के लिए कई जांच कमेटी और न्याय कमेटी का भी गठन किया गया था.

इसे भी पढ़ें-बिकरु कांड : विकास दुबे के मददगार 37 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरनी तय, सूची में इनके हैं नाम

दोनों कमेटियों ने हिस्ट्रीशीटर को बढ़ावा देने वाले पुलिसकर्मियों के रोल की जांच कर रही थी. कमेटी ने जांच में कई पुलिसकर्मियों को दोषी पाया है अब इन पुलिसकर्मियों पर शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी. इसमें मुख्य रूप से आयोग ने पूर्व डीआईजी अनंत देव को भी दोषी पाया है. आनंद देव को पहले ही निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि वह कमेटी की जांच में दोषी पाए गए थे. इसके अलावा कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार, तत्कालीन एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन सीईओ एलआईयू शोषण प्रकाश, पूर्व एसपी ग्रामीण प्रद्युमन सिंह, पूर्व सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी, पूर्व सीओ बिल्लौर नंदलाल सिंह सहित कई अन्य पुलिसकर्मियों को इस जांच में दोषी पाया गया है. इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट शासन स्तर पर भेज दी गई है.

कानपुरः बहुचर्चित बिकरु कांड में अब पुलिस कर्मियों पर गाज गिरने के सिलसिला शुरू हो गया है. इस कांड में कई पुलिसकर्मियों जांच के घेरे में आए थे जिसकी जांच एसआईटी और एक न्यायिक कमेटी ने की थी. अब जांच के आधार पर दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर शासन स्तर से कार्रवाई शुरू होगी. इन पुलिसकर्मियों में कानपुर के पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी सहित कई और बड़े पुलिसकर्मी शामिल हैं. इतना ही नहीं इस कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा को भी जांच में दोषी पाया गया है. लेकिन उनके शहीद होने की वजह से उनपर न्यायिक जांच में कोई कार्रवाई की बात नहीं कही गई है. बाकी अन्य अधिकारियों पर आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि 2 जुलाई 2020 की रात को थाना चौबेपुर के बिकरु गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था. जिसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस हत्याकांड से पूरे देश भर में हड़कंप मच गया था. पुलिस पर अपराधियों की इतनी बड़ी घटना उत्तर प्रदेश के इतिहास में दर्ज हो गई थी. इस हत्याकांड के बाद आखिर इतना बड़ा कांड कैसे हो गया, इसकी तफ्तीश के लिए कई जांच कमेटी और न्याय कमेटी का भी गठन किया गया था.

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दोनों कमेटियों ने हिस्ट्रीशीटर को बढ़ावा देने वाले पुलिसकर्मियों के रोल की जांच कर रही थी. कमेटी ने जांच में कई पुलिसकर्मियों को दोषी पाया है अब इन पुलिसकर्मियों पर शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी. इसमें मुख्य रूप से आयोग ने पूर्व डीआईजी अनंत देव को भी दोषी पाया है. आनंद देव को पहले ही निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि वह कमेटी की जांच में दोषी पाए गए थे. इसके अलावा कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार, तत्कालीन एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन सीईओ एलआईयू शोषण प्रकाश, पूर्व एसपी ग्रामीण प्रद्युमन सिंह, पूर्व सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी, पूर्व सीओ बिल्लौर नंदलाल सिंह सहित कई अन्य पुलिसकर्मियों को इस जांच में दोषी पाया गया है. इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट शासन स्तर पर भेज दी गई है.

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