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कानपुर के इस अस्थि कलश बैंक से अस्थियां लेने विदेश से आते हैं परिजन

कानपुर शहर में 2014 में अस्थि कलश बैंक बनाया गया था. इसमें रखी अस्थियों को लेने के लिए विदेश से लोग आते हैं.

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कानपुर
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Published : Sep 15, 2022, 7:46 PM IST

कानपुर: आपको सुनने में भले यह बात हैरानी जैसी लगे, कि लोग अस्थि कलश बैंक(bone urn bank) में रखी अस्थियों को लेने विदेश से आते हैं. कानपुर के भैरवघाट स्थित विद्युत शव दाह गृह के पास युग दधीचि देहदान अभियान समिति की ओर से अस्थि कलश बैंक स्थापित किया गया है.

साल 2014 में इस अस्थि कलश बैंक की स्थापना की गई थी. मौजूदा समय में यहां 100 से अधिक कलश रखे हुए हैं. उक्त समिति के संयोजक व इस अस्थि कलश बैंक को तैयार करने वाले मनोज सेंगर बताते हैं कि साल 2011-12 में जब शहर के भैरव घाट पर विद्युत शवदाह गृह केंद्र शुरू हुआ था तब सभी लोगों के सामने अपने स्वजनों की अस्थियों को सुरक्षित करने में बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.

जानकारी देते मनोज सेंगर

जो लोग घाट पर मौजूद रहते थे, वह अस्थियां देने के नाम पर अच्छी राशि की मांग करते थे. ऐसे में साल 2014 के आसपास ही इस अस्थि कलश बैंक को स्थापित किया गया. इसमें छह माह तक अस्थियां पूरी तरह सुरक्षित रहती हैं. जब लोग अपने स्वजनों की अस्थियां लेने आ जाते हैं, तो उन्हें वह कलश उसी समय सौंप दिया जाता है.

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अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशों से आते हैं लोग: मनोज सेंगर ने बताया कि अक्सर ही ऐसा होता है कि जब किसी वृद्ध का निधन हो जाता है, तो उनके स्वजन अगर विदेश में है तो वह फौरन नहीं आ पाते हैं. ऐसे में जब उन्हें समय मिलता है तो वह आते हैं और इस अस्थि कलश बैंक से अपने स्वजनों की अस्थियां ले जाते हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं और पिछले पांच दिनों में अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशों से लोग आए हैं. इसी तरह देश के कई शहरों से भी लोग आते हैं.

यह भी पढे़ं:कानपुर में शिक्षिका ने कक्षा चार की छात्रा को पीटा, मुकदमा दर्ज

कानपुर: आपको सुनने में भले यह बात हैरानी जैसी लगे, कि लोग अस्थि कलश बैंक(bone urn bank) में रखी अस्थियों को लेने विदेश से आते हैं. कानपुर के भैरवघाट स्थित विद्युत शव दाह गृह के पास युग दधीचि देहदान अभियान समिति की ओर से अस्थि कलश बैंक स्थापित किया गया है.

साल 2014 में इस अस्थि कलश बैंक की स्थापना की गई थी. मौजूदा समय में यहां 100 से अधिक कलश रखे हुए हैं. उक्त समिति के संयोजक व इस अस्थि कलश बैंक को तैयार करने वाले मनोज सेंगर बताते हैं कि साल 2011-12 में जब शहर के भैरव घाट पर विद्युत शवदाह गृह केंद्र शुरू हुआ था तब सभी लोगों के सामने अपने स्वजनों की अस्थियों को सुरक्षित करने में बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.

जानकारी देते मनोज सेंगर

जो लोग घाट पर मौजूद रहते थे, वह अस्थियां देने के नाम पर अच्छी राशि की मांग करते थे. ऐसे में साल 2014 के आसपास ही इस अस्थि कलश बैंक को स्थापित किया गया. इसमें छह माह तक अस्थियां पूरी तरह सुरक्षित रहती हैं. जब लोग अपने स्वजनों की अस्थियां लेने आ जाते हैं, तो उन्हें वह कलश उसी समय सौंप दिया जाता है.

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अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशों से आते हैं लोग: मनोज सेंगर ने बताया कि अक्सर ही ऐसा होता है कि जब किसी वृद्ध का निधन हो जाता है, तो उनके स्वजन अगर विदेश में है तो वह फौरन नहीं आ पाते हैं. ऐसे में जब उन्हें समय मिलता है तो वह आते हैं और इस अस्थि कलश बैंक से अपने स्वजनों की अस्थियां ले जाते हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं और पिछले पांच दिनों में अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशों से लोग आए हैं. इसी तरह देश के कई शहरों से भी लोग आते हैं.

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