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कोरोना काल में मानवता की मिसाल बने आशु वैद, अनाथ बच्चों को दे रहे मुफ्त में शिक्षा

कानपुर के आशु वैद ने कोविड काल में मानवता की मिसाल पेश की है. आशु वैद कोचिंग संचालक हैं. वह इन दिनों अनाथ बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं. इस समय उनकी कोचिंग में 100 से अधिक बच्चे मुफ्त में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

मानवता की मिसाल
मानवता की मिसाल
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Published : Jun 5, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 9:01 PM IST

कानपुर: कोरोना काल में अबतक न जाने कितने लोगों की आकस्मिक मौत हो गई. इस दौर ने लोगों को अपने-पराए, मानव-दानव के बीच का अंतर भी महसूस करा दिया. वहीं कुछ ऐसे लोग भी सामने आए, जिन्होंने मानवता की मिशाल पेश करते हुए जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से मदद की. कुछ ऐसा ही कानपुर के रतनलाल नगर में रहने वाले कोचिंग संचालक आशु वैद कर रहे हैं.

फ्री कोचिंग के साथ स्टडी मटेरियल भी दे रहे

आशु वैद की कोचिंग में 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ने जाते हैं. कोविड-19 संक्रमण काल में उनकी कोचिंग के लगभग 15 बच्चों ने अपने माता-पिता को इस महामारी की भेंट चढ़ते देखा है. छोटी उमर में मां-बाप का साया उठ जाने से अनाथ हुए इन बच्चों के सामने का भविष्य अंधकार में दिखने लगा. लेकिन आशु ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए इन बच्चों को आजीवन फ्री में कोचिंग और स्टडी मटेरियल देने की जिम्मेदारी उठाई.

इस शिक्षक ने पेश की मानवता की मिसाल

अभी 60 बच्चों को पढ़ाने की ली जिम्मेदारी

कोविड काल में आफत तो उन पर भी आई है, जो लोग बेरोजगार हो गए हैं. वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थे. तभी आशु वैद किसी फरिश्ते की तरह उनकी जिन्दगी में आये और उन्होंने उन 20 बच्चों को पढ़ाने और अपने पैरों पर खड़ा होने तक की जिम्मेदारी ले ली. साथ ही साथ जिन 40 बच्चों के माता-पिता बेरोजगार हो गए उनको भी बिना किसी फीस लिए पढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई. इसके अलावा आशु ने जब यह घोषित कर दिया क‍ि कानपुर महानगर में किसी भी बच्चे को इस तरह की तकलीफ का सामना करना पड़ा हो, वे सभी को मुफ्त में पढ़ाएंगे.

आजीवन देंगे फ्री शिक्षा

आशु वैद ने बताया क‍ि जब कोरोना की दूसरी लहर में उनकी कोच‍िंग में पढ़ने वाले कई बच्चों के माता-प‍िता दोनों की मौत हो गई, तो बच्चों के आगे पढ़ने का मनोबल टूट गया. बच्चों ने आगे पढ़ने से मना क‍िया, तो उन्होंने इस पीड़ा को समझा और उन सभी को फ्री में पढ़ाने का पहल किया. इस पहल को शुरू क‍िए हुए एक सप्ताह हो गया है. वैसे तो 12वीं में यद‍ि कोई बच्चा साईंस के तीनों सब्जेक्ट पढ़ता है, तो करीब 40 हजार रुपये खर्च होते हैं. लेक‍िन कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के ल‍िए वह अपनी कोच‍िंग में फ्री में पढ़ाई करवाएंगे. साथ ही बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या आती है, तो वो भी पूरी करेंगे.

इसे भी पढे़ं- Vaccination in UP: कल से खुलेगा पोर्टल, तारीख और सेंटर का कर सकेंगे चयन

कानपुर: कोरोना काल में अबतक न जाने कितने लोगों की आकस्मिक मौत हो गई. इस दौर ने लोगों को अपने-पराए, मानव-दानव के बीच का अंतर भी महसूस करा दिया. वहीं कुछ ऐसे लोग भी सामने आए, जिन्होंने मानवता की मिशाल पेश करते हुए जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से मदद की. कुछ ऐसा ही कानपुर के रतनलाल नगर में रहने वाले कोचिंग संचालक आशु वैद कर रहे हैं.

फ्री कोचिंग के साथ स्टडी मटेरियल भी दे रहे

आशु वैद की कोचिंग में 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ने जाते हैं. कोविड-19 संक्रमण काल में उनकी कोचिंग के लगभग 15 बच्चों ने अपने माता-पिता को इस महामारी की भेंट चढ़ते देखा है. छोटी उमर में मां-बाप का साया उठ जाने से अनाथ हुए इन बच्चों के सामने का भविष्य अंधकार में दिखने लगा. लेकिन आशु ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए इन बच्चों को आजीवन फ्री में कोचिंग और स्टडी मटेरियल देने की जिम्मेदारी उठाई.

इस शिक्षक ने पेश की मानवता की मिसाल

अभी 60 बच्चों को पढ़ाने की ली जिम्मेदारी

कोविड काल में आफत तो उन पर भी आई है, जो लोग बेरोजगार हो गए हैं. वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थे. तभी आशु वैद किसी फरिश्ते की तरह उनकी जिन्दगी में आये और उन्होंने उन 20 बच्चों को पढ़ाने और अपने पैरों पर खड़ा होने तक की जिम्मेदारी ले ली. साथ ही साथ जिन 40 बच्चों के माता-पिता बेरोजगार हो गए उनको भी बिना किसी फीस लिए पढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई. इसके अलावा आशु ने जब यह घोषित कर दिया क‍ि कानपुर महानगर में किसी भी बच्चे को इस तरह की तकलीफ का सामना करना पड़ा हो, वे सभी को मुफ्त में पढ़ाएंगे.

आजीवन देंगे फ्री शिक्षा

आशु वैद ने बताया क‍ि जब कोरोना की दूसरी लहर में उनकी कोच‍िंग में पढ़ने वाले कई बच्चों के माता-प‍िता दोनों की मौत हो गई, तो बच्चों के आगे पढ़ने का मनोबल टूट गया. बच्चों ने आगे पढ़ने से मना क‍िया, तो उन्होंने इस पीड़ा को समझा और उन सभी को फ्री में पढ़ाने का पहल किया. इस पहल को शुरू क‍िए हुए एक सप्ताह हो गया है. वैसे तो 12वीं में यद‍ि कोई बच्चा साईंस के तीनों सब्जेक्ट पढ़ता है, तो करीब 40 हजार रुपये खर्च होते हैं. लेक‍िन कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के ल‍िए वह अपनी कोच‍िंग में फ्री में पढ़ाई करवाएंगे. साथ ही बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या आती है, तो वो भी पूरी करेंगे.

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Last Updated : Jun 5, 2021, 9:01 PM IST
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