कानपुर : शहर के क्रांतिकारियों का जो इतिहास है, वह इतना रोचक है कि जब कहीं उन क्रांतिकारियों की गाथा का वर्णन होता है तो लोगों की भावनाओं में शौर्य व पराक्रम का अहसास हो जाता है. शहर का मैस्कर घाट तो वह स्थान है, जहां अंग्रेजों ने एक साथ समूह ने कई क्रांतिकारियों को मौत के घाट उतारा था और कानपुर के इतिहास में 'मैसिव' शब्द से ही 'मैस्कर घाट' बना. एक बार फिर से इन क्रांतिकारियों को नमन करने के लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में अनूठा काम हो रहा है.
विवि के स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स विभाग की ओर से आठ दिवसीय फाइबर मूर्तिशिल्प कार्यशाला आयोजित हुई, जिसकी थीम कानपुर के क्रांतिकारी रखी गई थी. यहां पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक कलाकृतियों को अपने हुनर से तैयार किया. कई कलाकृतियां तो ऐसी हैं, मानो जैसे वह जीवंत हों. विवि के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कहा कि 'विवि की इस कवायद को जिसने जाना वह आश्चर्यचकित है. उन्होंने सभी प्रतिभागियों की प्रतिभाओं को सराहा है.'
प्रैक्टिकल वर्क में मिला टास्क, विवि की दीवारों पर उकेरेंगे तस्वीरें
उन्होंने कहा कि 'विवि के स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स विभाग के विद्यार्थियों को इस सत्र के प्रैक्टिकल वर्क में भी एक रोमांचक टास्क दिया गया. विवि कैम्पस की जो दीवारें हैं, वहां उक्त विभाग के विद्यार्थी अपने हुनर से दीवारों पर आकर्षक तस्वीरें उकेरेंगे. छात्रों के इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रायोगिक परीक्षा के अंक दिए जाएंगे. छात्रों ने विवि की दीवारों को रंगना भी शुरू कर दिया है.' स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स के प्रो. जेबी यादव ने बताया कि 'विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था उनकी स्किल को बेहतर करने में बहुत उपयोगी साबित होगी.'
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