कानपुर: शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल(एलएलआर अस्पताल) में एंटीबायोटिक दवाओं की किल्लत है. एलएलआर अस्पताल में रोजाना सुबह 9.00 बजे से ही हजारों की संख्या में मरीज अपना इलाज कराने के लिए इस आस में पहुंचने लगते हैं कि उन्हें बिना किसी शुल्क के सारी दवाइयां मिल जाएंगी. साथ ही चिकित्सा का अच्छा अनुभव रखने वाले चिकित्सक उनका मर्ज जान लेंगे और इलाज कर देंगे, लेकिन अब उन मरीजों की जान अब पूरी तरह मुश्किल में है. हालात यह हैं कि 10 दिनों में अगर दवाइयां न पहुंची, तो त्राहिमाम जैसी स्थिति हो जाएगी.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है, कि दवाइयों के संकट को लेकर उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन (यूपीएमएससी) को पत्र भेजा जा चुका है. साथ ही सीएम कार्यालय में भी सूचना दे दी गई है. उन्होंने बताया कि 10,000 सेफ्ट्रिएक्सोन व 10,000 एमोक्सिलिन इंजेक्शन जल्द से जल्द आ जाएंगे.
रोजाना 1,200 एंटीबायटिक इंजेक्शन की होती जरूरत: एलएलआर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि एलएलआर अस्पताल में रोजाना 1,200 एंटी बायटिक इंजेक्शनों की जरूरत होती है. इनमें आठ सौ सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन व एमोक्सिलिन और पिप्जो इंजेक्शन शामिल हैं. वहीं, आइसीयू, एचडीयू और सर्जिकल वार्डों में गंभीर मरीजों को मेरोपेनम इंजेक्शन लगात है.
आरसी में सस्ता, बाहर महंगा है इंजेक्शन: एलएलआर अस्पताल में अपनी मां का इलाज करा रहे शास्त्री नगर निवासी सौरभ शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के रेट कांट्रेक्ट में सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन का एक वायल 30 रुपये का मिलता था, जबकि अस्पताल के बाहर बने मेडिकल स्टोर में इस वायल की कीमत 70 से 100 रुपये के बीच है. इसी तरह पिप्जो इंजेक्शन का एक वायल 200 रुपये का है, जबिक बाहर इसकी कीमत पांच सौ से लेकर एक हजार रुपये तक है.
अभी इंजेक्शन की यह है स्थिति
इंजेक्शन | कुल उपलब्ध |
एपर्सलीन | 3,590 |
वैंकोमाइसिन | 600 |
एजिथ्रोमाइसिन | 650 |
न्यूरोपेनम | 100 |
सेफ्ट्रिएक्सोन | 2100 |
क्लिंडामाइसिन | 500 |
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