कानपुर: प्रदेश की अहम समस्याओं में शामिल गोवंशों को सड़क, खेतों, गलियों से हटाने के लिए योगी सरकार में प्लान बन गया है. एक जनवरी 2024 से निराश्रित गोवंश या छुट्टा पशु सड़क, खेतों या गलियों में नहीं दिखेंगे. अगर, पशु दिखते हैं तो शहर में नगर निगम व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास भवन के स्तर से कार्रवाई होगी. सभी निराश्रित गोवंशों को कांजीहाउस में रखा जाएगा. यह बातें गुरुवार को पशुधन मंत्री डा.धर्मपाल सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही.
आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान जारीः मंत्री ने कहा कि कांजीहाउस में निराश्रित गोवंश को रखने का जो खर्च आएगा, उसका वहन पशुपालकों को ही करना होगा. निराश्रित गोवंश द्वारा जो नुकसान किसान या आमजन का हुआ होगा, वह खर्च भी पशुपालकों से ही सरकार लेगी. सरकार की ओर से सूबे के हर जिले में एक नवंबर से लेकर 31 दिसंबर तक निराश्रित गोवंश व छुट्टा पशुओं को पकड़ने का अभियान जारी है. अभी तक कुल 900 आवारा पशु पकड़े जा चुके हैं.
हर माह 82 करोड़ रुपये सरकार खर्च कर रही: पशुधन मंत्री डा.धर्मपाल सिंह ने बताया कि हर माह सरकार निराश्रित गोवंश पर काबू पाने के लिए 82 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. जब उनसे सवाल किया गया, कि क्या यह मुद्दा आगामी लोकसभा चुनाव का मुद्दा भी बन सकता है क्या? तब उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. हमारे लिए गाय भी जरूरी है, क्योंकि जब गाय होगी तभी खेती होगी.
पूर्व सीएम आए दिन कसते हैं तंज: जबकि निराश्रित गोवंश के सड़क पर होने को लेकर आए दिन ही पूर्व सीएम अखिलेश यादव अपने सोशल मीडिया एकाउंट से तंज कसते हैं. इसके अलावा शहर में निराश्रित गोवंश से जहां कुछ दिनों पहले एक लड़के की मौत हो गई थी. वहीं शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में निराश्रित गोवंश ने एक बुजुर्ग को उठाकर पटक दिया था.