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वकील का दावा, एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी नाबालिग

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Published : Aug 12, 2020, 8:30 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का बिकरू कांड एक बार फिर से उलझ गया है. बस इंतजार है तो माननीय न्यायालय के अग्रिम आदेश का, जिसे अभी विचाराधीन में रखा गया है. जिस उलझे विवाद की हम बात कर रहें हैं, उसका सबूत पेश किया है जाने माने वरिष्ठ अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने, जिन्होंने यह दावा किया है कि अमर दुबे की पत्नी खुशी नाबालिग है.

khushi has been claimed to be a minor
अमर दुबे की पत्नी खुशी.

कानपुर: बिकरू कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी के नाबालिग होने का दावा किया जा रहा है. अधिवक्ता शिवकांत ने डकैती कोर्ट में खुशी के नाबालिग होने के दस्तावेज पेश किए. दरअसल बीते एक महीने से खुशी कानपुर देहात की माती जेल में बंद है.

जानकारी देते वरिष्ठ अधिवक्ता.

दरअसल, खुशी दुबे के वकील का दावा है कि हाईस्कूल की मार्कशीट और सर्टिफिकेट के आधार पर यह साबित हो जाता है कि खुशी नाबालिग है. खुशी के सारे दस्तावेज बुधवार को उन्होंने माती कोर्ट में जज के सामने पेश किए.

दस्तावेजों को गंभीरता से देखते हुए कोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (किशोर न्याय बोर्ड) को खुशी दुबे के सारे कागज भेज दिए हैं. अब अगले हफ्ते से इस मामले में सुनवाई होनी है. अगर जुवेनाइल बोर्ड खुशी दुबे को नाबालिग करार दे देता है तो एक बार फिर कानपुर पुलिस की किरकिरी होना तय माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें: बिकरू कांड: शहीद सीओ के रिश्तेदार ने FIR पर उठाए सवाल

खुशी दुबे के वकील शिवकांत दीक्षित ने कहा कि खुशी नाबालिग है. पुलिस ने बिना किसी जांच के खुशी को जेल भेज दिया. उन्हें आयु निर्धारण करना चाहिए था, क्योंकि ऐसे किसी को भी जेल नहीं भेजा जा सकता है. खुशी को जेल से बाहर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि खुशी का एनकाउंटर से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है.

कानपुर: बिकरू कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी के नाबालिग होने का दावा किया जा रहा है. अधिवक्ता शिवकांत ने डकैती कोर्ट में खुशी के नाबालिग होने के दस्तावेज पेश किए. दरअसल बीते एक महीने से खुशी कानपुर देहात की माती जेल में बंद है.

जानकारी देते वरिष्ठ अधिवक्ता.

दरअसल, खुशी दुबे के वकील का दावा है कि हाईस्कूल की मार्कशीट और सर्टिफिकेट के आधार पर यह साबित हो जाता है कि खुशी नाबालिग है. खुशी के सारे दस्तावेज बुधवार को उन्होंने माती कोर्ट में जज के सामने पेश किए.

दस्तावेजों को गंभीरता से देखते हुए कोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (किशोर न्याय बोर्ड) को खुशी दुबे के सारे कागज भेज दिए हैं. अब अगले हफ्ते से इस मामले में सुनवाई होनी है. अगर जुवेनाइल बोर्ड खुशी दुबे को नाबालिग करार दे देता है तो एक बार फिर कानपुर पुलिस की किरकिरी होना तय माना जा रहा है.

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खुशी दुबे के वकील शिवकांत दीक्षित ने कहा कि खुशी नाबालिग है. पुलिस ने बिना किसी जांच के खुशी को जेल भेज दिया. उन्हें आयु निर्धारण करना चाहिए था, क्योंकि ऐसे किसी को भी जेल नहीं भेजा जा सकता है. खुशी को जेल से बाहर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि खुशी का एनकाउंटर से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है.

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