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कानपुर 1984 सिख दंगा मामले में धरा गया एक और आरोपी, अब तक 37 गिरफ्तार - सिख दंगा योगी सरकार की कार्रवाई

1984 सिख दंगा मामले में कानपुर महानगर से अब तक 37 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनमें शनिवार को 65 साल के आरोपी दिनेश कुमार शास्त्री को एसआईटी ने गोंडा से गिरफ्तार किया है.

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आरोपी दिनेश कुमार शास्त्री
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Published : Oct 1, 2022, 3:28 PM IST

कानपुर: 1984 सिख दंगा मामले में कानपुर महानगर में एसआईटी की कार्रवाई लगातार जारी है. अभी तक इस मामले में कुल 36 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. शनिवार को एसआईटी की टीम ने 65 वर्षीय आरोपी दिनेश कुमार शास्त्री को गोंडा से गिरफ्तार किया है. एसआईटी प्रभारी बालेंदु भूषण सिंह के मुताबिक आरोपी कई मुकदमों में वांछित था. अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है. सभी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

दरअसल, इस मामले में कोर्ट और शासन की ओर से सभी 72 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था. अभी तक सिर्फ 37 आरोपी ही पकड़े जा सके हैं. इनमें से 20 से अधिक के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है. इस पूरे मामले में करीब 3 साल पहले एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे. 40 मामले तो भीषण नरसंहार के थे.

एसआईटी टीम के सदस्यों का कहना है कि जो साक्ष्य मिले थे उसके मुताबिक आरोपियों ने पीड़ितों के घर पर लूटपाट के बाद उनकी हत्या कर दी थी. कुल 94 अभियुक्तों में 22 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- सिख विरोधी दंगा मामले में SIT कानपुर ने 2 और आरोपियों को किया गिरफ्तार

कानपुर: 1984 सिख दंगा मामले में कानपुर महानगर में एसआईटी की कार्रवाई लगातार जारी है. अभी तक इस मामले में कुल 36 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. शनिवार को एसआईटी की टीम ने 65 वर्षीय आरोपी दिनेश कुमार शास्त्री को गोंडा से गिरफ्तार किया है. एसआईटी प्रभारी बालेंदु भूषण सिंह के मुताबिक आरोपी कई मुकदमों में वांछित था. अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है. सभी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

दरअसल, इस मामले में कोर्ट और शासन की ओर से सभी 72 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था. अभी तक सिर्फ 37 आरोपी ही पकड़े जा सके हैं. इनमें से 20 से अधिक के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है. इस पूरे मामले में करीब 3 साल पहले एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे. 40 मामले तो भीषण नरसंहार के थे.

एसआईटी टीम के सदस्यों का कहना है कि जो साक्ष्य मिले थे उसके मुताबिक आरोपियों ने पीड़ितों के घर पर लूटपाट के बाद उनकी हत्या कर दी थी. कुल 94 अभियुक्तों में 22 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है.

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