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कानपुर लॉकडाउन: ऑरेंज जोन में शहर आने के बाद फैक्ट्रियों पर लटक सकता है ताला

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Published : Apr 17, 2020, 10:59 PM IST

खाद्य पदार्थ, पैकेजिंग, सैनिटाइजर, मास्क आदि जरूरी सामान बनाने वाली करीब 25 सौ औद्योगिक इकाइयों पर एक बार फिर बंदी की तलवार लटक गई है. कानपुर जनपद के ऑरेंज जोन में आने पर ये इकाइयां लॉकडाउन के दौरान चलेंगी या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.

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ऑरेंज जोन में घोषित हुआ कानपुर

कानपुर: जनपद में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है और कोरोना वायरस की वजह से जनपद में एक मौत भी हो चुकी है. जनपद को ऑरेंज जोन में घोषित कर दिया गया है. ऑरेंज जोन में शामिल होने के बाद जनपद में कोई भी गतिविधियां नहीं हो पाएगी.

जनपद में कोरोना संक्रमण से बचाव के मानकों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी 2500 फैक्ट्रियां पिछले कई दिनों से चल रही थी. इनमें खाद पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्रियों के साथ ही पैकेजिंग, सैनिटाइजर, मास्क व चिकित्सा उपकरण, दवा, कृषि यंत्र आदि बनाने वाली फैक्ट्रियां भी शामिल हैं.

खाद्य पदार्थ, पैकेजिंग, सैनिटाइजर आदि जरुरी सामान बनाने वाली करीब 2500 फैक्ट्रियों पर एक बार फिर से बंदी की तलवार लटक रही है. ये फैक्ट्रियां लॉकडाउन के दौरान चलेगी या नहीं, इस पर अभी प्रशासन द्वारा कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार द्वारा कुछ शर्तों के साथ प्लास्टिक आईटी हार्डवेयर आदि उद्योगों के संचालन की अनुमति दी गई थी. ऐसे में जनपद में बंद पड़े तमाम उद्योगों को चलाने की उम्मीद जगी थी. गुरुवार शाम को कानपुर जनपद को ऑरेंज जोन में शामिल करने के एलान के बाद इन इकाइयों के संचालन को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

कानपुर: जनपद में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है और कोरोना वायरस की वजह से जनपद में एक मौत भी हो चुकी है. जनपद को ऑरेंज जोन में घोषित कर दिया गया है. ऑरेंज जोन में शामिल होने के बाद जनपद में कोई भी गतिविधियां नहीं हो पाएगी.

जनपद में कोरोना संक्रमण से बचाव के मानकों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी 2500 फैक्ट्रियां पिछले कई दिनों से चल रही थी. इनमें खाद पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्रियों के साथ ही पैकेजिंग, सैनिटाइजर, मास्क व चिकित्सा उपकरण, दवा, कृषि यंत्र आदि बनाने वाली फैक्ट्रियां भी शामिल हैं.

खाद्य पदार्थ, पैकेजिंग, सैनिटाइजर आदि जरुरी सामान बनाने वाली करीब 2500 फैक्ट्रियों पर एक बार फिर से बंदी की तलवार लटक रही है. ये फैक्ट्रियां लॉकडाउन के दौरान चलेगी या नहीं, इस पर अभी प्रशासन द्वारा कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार द्वारा कुछ शर्तों के साथ प्लास्टिक आईटी हार्डवेयर आदि उद्योगों के संचालन की अनुमति दी गई थी. ऐसे में जनपद में बंद पड़े तमाम उद्योगों को चलाने की उम्मीद जगी थी. गुरुवार शाम को कानपुर जनपद को ऑरेंज जोन में शामिल करने के एलान के बाद इन इकाइयों के संचालन को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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