कानपुर: किदवईनगर के ब्लॉक स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में जेवर निकालने पहुंचे एक ग्राहक को लॉकर खाली मिला. पीड़ित ग्राहक का दावा है कि बैंक लॉकर में उसने करीब 20 लाख रुपये कीमत के जेवर रखे थे. सभी जेवर गायब हैं. उधर, बैंक मैनेजर ने इस मामले में अपनी सफाई दी है.
पीड़ित अजय कुमार गुप्ता का कहना है इस बैंक शाखा के लॉकर संख्या 450 में उन्होंने 20 लाख रुपये की ज्वैलरी रखी थी. वह पत्नी के साथ बैंक लॉकर में रखे जेवर चेक करने गए थे. लॉकर दो चाबियों से खुलता है. एक चाबी बैंक के पास थी और एक उनके पास. अजय का कहना है कि लॉकर को खोलने के लिए जैसे ही उन्होंने चाबी लगाई तो लॉक नहीं खुला. इसके बाद बैंक में रखी चाबी से लॉक खोलने की कोशिश की गई तो यह खुल गया.
उन्होंने बैंक मैनेजर से इसकी शिकायत की थी. इस पर बैंक मैनेजर की ओर से लॉकर बनाने वाली कंपनी के प्रतिनिधि को बुलवाकर अजय कुमार गुप्ता के सामने ही लॉक खुलवाया गया. जैसे ही लॉक खुला तो उसमें रखे जेवर गायब मिले. पीड़ित अजय कुमार गुप्ता का आरोप है कि बैंक मैनेजर डीएस मिश्रा कुछ भी मानने और सुनने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता. वही, पीड़ित का आरोप है कि बैंक स्टाफ का कोई शख्स इस मामले में शामिल हो सकता है.
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बैंक शाखा के मैनेजर डीएस मिश्र का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार लॉकर रूम में सिर्फ ग्राहक ही जा सकता है और कोई नहीं. हम सभी जांचों के लिए तैयार है. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज भी हैं. उधर, पीड़ित अजय कुमार गुप्ता ने बैंक शाखा के खिलाफ उस्मानपुर चौकी में तहरीर दी है. इस मामले में चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.