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कानपुर देहात: विश्व जैव विविधता दिवस पर शिक्षक ने लगाई सड़क पर प्रदर्शनी

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Published : May 23, 2020, 5:18 AM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में शुक्रवार को विश्व जैव विविधता के अवसर पर एक शिक्षक ने प्रदर्शनी लगाई. इस प्रदर्शनी में उन्होंने सभी तरीके के पशु-पक्षी का पेटिंग बनाकर लोगों को जागरूक किया और साथ ही लोगों से पशु-पक्षियों के संरक्षण का अनुरोध भी किया.

शिक्षक ने लगाई प्रदर्शनी
शिक्षक ने लगाई प्रदर्शनी

कानपुर देहात: जनपद में शुक्रवार को विश्व जैव विविधता दिवस मनाया गया. वहीं जनपद में एक पर्यावरण मित्र ने सड़क किनारे पेंटिग बनाकर प्रदर्शनी लगाई. राहगीरो ने इस प्रर्दशनी का जमकर लुफ्त उठाया.

विश्व जैव विविधता दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी
विश्व जैव विविधता दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी


जैव विविधता दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी
पृथ्वी पर उपस्थित जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करने के लिए विश्व जैव विविधता दिवस मनाया जाता है. ये विविधताएं आनुवंशिक, प्रजातीय, पारिस्थितिकी होती हैं. वहीं पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने मण्डी समिति के सामने जैव-विविधता पर मोर, बाघ, सांप, मानव, कबूतर, तितली, मेंढक, टिड्डा, वृक्ष का मॉडल बनाकर प्रदशर्नी लगाया. इसके साथ ही उसने वहां से गुजर रहे राहगीरों को पशु-पक्षियों के संरक्षण का अनुरोध करने को कहा.


इस अवसर पर राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक कैलाश नाथ पाल ने बताया की देश में वर्ष 2002 में संसद ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए संघीय कानून पारित किया है. पौधे और जीव अन्योन्याश्रित हैं. पारिस्थितिकी सन्तुलन बनाए रखने लिए जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक है.

कानपुर देहात: जनपद में शुक्रवार को विश्व जैव विविधता दिवस मनाया गया. वहीं जनपद में एक पर्यावरण मित्र ने सड़क किनारे पेंटिग बनाकर प्रदर्शनी लगाई. राहगीरो ने इस प्रर्दशनी का जमकर लुफ्त उठाया.

विश्व जैव विविधता दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी
विश्व जैव विविधता दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी


जैव विविधता दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी
पृथ्वी पर उपस्थित जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करने के लिए विश्व जैव विविधता दिवस मनाया जाता है. ये विविधताएं आनुवंशिक, प्रजातीय, पारिस्थितिकी होती हैं. वहीं पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने मण्डी समिति के सामने जैव-विविधता पर मोर, बाघ, सांप, मानव, कबूतर, तितली, मेंढक, टिड्डा, वृक्ष का मॉडल बनाकर प्रदशर्नी लगाया. इसके साथ ही उसने वहां से गुजर रहे राहगीरों को पशु-पक्षियों के संरक्षण का अनुरोध करने को कहा.


इस अवसर पर राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक कैलाश नाथ पाल ने बताया की देश में वर्ष 2002 में संसद ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए संघीय कानून पारित किया है. पौधे और जीव अन्योन्याश्रित हैं. पारिस्थितिकी सन्तुलन बनाए रखने लिए जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक है.

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