कानपुर देहातः कानपुर देहात जिले की 207 सिकन्दरा विधानसभा सीट का गठन परिसीमन के बाद 2012 में हुआ था. इससे पूर्व ये विधानसभा राजपुर विधानसभा रही थी. इस सीट पर बसपा ने कई बार बाजी मारी थी. इसलिए ये विधानसभा बसपा का गढ़ भी कहलाती है. पिछले चुनाव में यहां बीजेपी के विधायक स्वर्गीयत मथुरा पाल ने जीत दर्ज की थी. लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ तो उपचुनाव में उनके बेटे अजीत पाल को बीजेपी ने टिकट दिया. वह चुनाव जीत गए. मौजूदा समय में वह इस सीट से बीजेपी विधायक हैं.
जातीय समीकरण
पिछड़ा वर्ग | 154129 |
सामान्य वर्ग | 78233 |
एससी-एसटी | 57781 |
मतदाताओं पर एक नजर
महिला | 147425 |
पुरुष | 1,74,842 |
थर्ड जेंडर | 11 |
कुल | 22278 मतदाता |
चुनावी इतिहास
1989 और 1991 में निर्दलीय रामस्वरूप वर्मा जीते.
1993 में कॉंग्रेस के चौधरी नरेंद्र सिंह जीते.
1996 में पार्टी बदलकर चौधरी नरेंद्र सिंह बसपा से विधायक बने.
2002 के चुनाव में महेश त्रिवेदी निर्दलीय चुनाव जीते थे.
2007 मे बसपा से इंद्रपाल विधायक चुने गए थे.
2012 के चुनाव पर एक नजर
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
इंद्रपाल सिंह | बसपा | 54482 |
देवेंद्र सिंह भोले | भाजपा | 52303 |
2017 के चुनाव पर एक नजर
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
स्व. मथुरा पाल | बीजेपी | 38103 |
महेंद्र कटियार | बसपा | 49776 |
उपचुनाव पर एक नजर
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
अजीत पाल | बीजेपी | 73,325 |
सीमा सचान | सपा | 61,455 |
प्रभाकर पांडेय | कांग्रेस | 19090 |
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ये रहे मुद्दे
कई गांव अभी भी पिछड़ेपन के शिकार.
यमुना के किनारे के सैकड़ो गांवों में अभी नदी का उफान बड़ा संकट बना हुआ है.
ज्यादातर सड़कें खस्ताहाल हैं.
शिक्षा में भी कई गांव अभी भी पिछड़े.