कानपुर देहात: देश का बहुचर्चित बेहमई कांड आज भी लोगों की जुबां पर है. कानपुर देहात के बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलनदेवी ने गिरोह के साथ 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. साल 2001 में फूलनदेवी की शेर सिंह राणा ने हत्या कर दी थी. फूलनदेवी का हत्यारोपित शेर सिंह राणा बुधवार को बेहमई गांव पहुंचा. यहां उसने लोगों के हालचाल पूछा. इस दौरान उसने समाधि स्थल पर पूजा की. इसके बाद बेहमई कांड के वादी स्व. राजाराम के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की.
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नहीं मिली पीड़ितों को न्याय
जिले के सिकंदरा क्षेत्र स्थित बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने गिरोह के साथ पहुंचकर 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के 40 साल बाद भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है. इसके 20 साल बाद साल 2001 में फूलन देवी की शेर सिंह राणा ने हत्या कर दी थी. बेहमई गांव में हुए हत्याकांड को लेकर गांव के राजाराम सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. न्याय की आस लिए वह बीते साल दिसंबर में दुनिया को छोड़कर चले गए.
राजाराम के परिजनों को दी सांत्वना
फूलन देवी के हत्यारोपी शेर सिंह राणा ने गांव पहुंच कर लोगों से मुलाकात की. बेहमई कांड में मारे गए लोगों के समाधि स्थल पर आरती कर पूजन किया. इसके बाद राजाराम सिंह के निधन पर शोक जताते हुए परिवार को सांत्वना दी. इस दौरान गांव के बाबू सिंह, शिवपाल सिंह, जयवीर सिंह, गांधी सिंह, राजू सिंह उदयवीर सिंह के साथ ही संगठन पदाधिकारी जय नारायण सिंह, अभय चंदेल, बंटू कृष्णा, राहुल, श्यामू, लालजी सिंह मौजूद रहे. बेहमई के बाद शेर सिंह राणा ने पास के गांव राजपुर में क्षत्रिय महासभा कार्यालय का उद्घाटन किया.