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बिकरु कांड: विकास दुबे के सहयोगी डब्बू की याचिका खारिज - कानपुर देहात में सीओ की मौत

यूपी के कानपुर देहात में बिकरू कांड में सहयोग करने वाले आरोपी की स्पेशल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. आरोपी डब्बू ने घटना से पहले कारतूस और रुपये पहुंचाए थे.

विकास दुूबे के सहयोगी डब्बू की याचिका खारिज
विकास दुूबे के सहयोगी डब्बू की याचिका खारिज
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Published : Dec 19, 2020, 9:23 PM IST

कानपुर देहात: विकास दुबे के सहयोगी आरोपी डब्बू की जमानत याचिका को स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया है. डब्बू पर आरोप है कि उसने जय बाजपेयी के साथ मिलकर बिकरू कांड में सहयोग किया था. डब्बू ने बिकरू में हुई घटना से पहले वहां रुपये और कारतूस पहुंचाए थे. इन सभी आरोपों को देखते हुए चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ और सब इंस्पेक्टर की भी जमानत खारिज हो चुकी है.

दो जुलाई को हुआ था बिकरू कांड
आपको बताते चलें कि जनपद में बीते दो जुलाई को चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थीं. जिसमे सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी. इसी के चलते आर्य नगर के प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को पुलिस ने घटना के पहले विकास को रुपये और कारतूस पहुंचाकर उसकी मदद की थी.

डब्बू ने पहुंचाए थे कारतूस और रुपये
आरोप ये है कि डब्बू ने जय बाजपेयी के साथ मिलकर विकास दुबे का घटना में साथ दिया था. इसकी सुनवाई जनपद कानपुर देहात के स्पेशल जज डकैती राम किशोर की अदालत में चल रही है. इस दौरान डब्बू के अधिवक्ता ने जमानती प्राथना पत्र दाखिल किया था. सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील ने तर्क रखा कि प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को सिर्फ जय बाजपेयी के बयानों के आधार पर मुल्जिम बना दिया गया है. लेकिन घटना में नामजद नहीं था.

न्यायालय ने खारिज की याचिका
सहायक शासकीय वकील प्रशांत ने बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त डब्बू ने कारतूस व रुपये पहुंचाये थे. डब्बू ने बिकरू कांड की घटना में विकास दुबे का सहयोग किया था. अपराधी की मदद करना भी एक बड़ा अपराध है. जिसके चलते न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

कानपुर देहात: विकास दुबे के सहयोगी आरोपी डब्बू की जमानत याचिका को स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया है. डब्बू पर आरोप है कि उसने जय बाजपेयी के साथ मिलकर बिकरू कांड में सहयोग किया था. डब्बू ने बिकरू में हुई घटना से पहले वहां रुपये और कारतूस पहुंचाए थे. इन सभी आरोपों को देखते हुए चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ और सब इंस्पेक्टर की भी जमानत खारिज हो चुकी है.

दो जुलाई को हुआ था बिकरू कांड
आपको बताते चलें कि जनपद में बीते दो जुलाई को चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थीं. जिसमे सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी. इसी के चलते आर्य नगर के प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को पुलिस ने घटना के पहले विकास को रुपये और कारतूस पहुंचाकर उसकी मदद की थी.

डब्बू ने पहुंचाए थे कारतूस और रुपये
आरोप ये है कि डब्बू ने जय बाजपेयी के साथ मिलकर विकास दुबे का घटना में साथ दिया था. इसकी सुनवाई जनपद कानपुर देहात के स्पेशल जज डकैती राम किशोर की अदालत में चल रही है. इस दौरान डब्बू के अधिवक्ता ने जमानती प्राथना पत्र दाखिल किया था. सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील ने तर्क रखा कि प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को सिर्फ जय बाजपेयी के बयानों के आधार पर मुल्जिम बना दिया गया है. लेकिन घटना में नामजद नहीं था.

न्यायालय ने खारिज की याचिका
सहायक शासकीय वकील प्रशांत ने बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त डब्बू ने कारतूस व रुपये पहुंचाये थे. डब्बू ने बिकरू कांड की घटना में विकास दुबे का सहयोग किया था. अपराधी की मदद करना भी एक बड़ा अपराध है. जिसके चलते न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

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